कस्बा बिहारीगढ मे पिछले काफी समय से बढती बंदरो की संख्या से स्थानीय निवासियो का जीना दुर्लभ कर दिया है। ग्रामीणो का कहना है कि दिन हो या रात बंदरो का झुंड पंहुच जाता है। स्थानीय निवासियो का कहना है कि छोटे छोटे बच्चो पर बंदर हमला कर चुके है। लेकिन किसी भी विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नही दे रहे है। स्थानीय निवासियो का कहना है कि बंदरो के झुंड के खौफ के चलते महिलाए अकेले छत पर नही जा रही और बच्चे भी डर के कारण नही जा पाते। आखिर कब मिलेगी बंदरो से निजात। ज्यादातर महिलाओ ने बताया कि रात्री के समय बन्दर भूख मिटाने के लिए घरो मे घुस जाते है और खाद्य सामग्री उठा ले जाते है।बंदरो इतने उत्पाती है कि सुखाने के लिए छत पर फैलाए गए कपड़े फाड देते है। खाद्य सामग्री, बर्तन अन्य सामान उठा लेते है। और तोड फोड देते है या फिर किसी दूसरी जगह ले जा कर डाल देते है। पहली बात तो बंदरो के झुंड को देख कर हर कोई खौफ खाता है और दुसरे यदि कोई बंदरो को भगाने की कोशिश करे तो बंदरो डर कर भागने की बजाए उल्टे हमलावर हो जाते है। बंदरो के हमलो मे अभी तक कई लोग घायल हो चुके है। स्थानीय निवासियो का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी जनता को इस समस्या से निजात दिलाने मे कोई दिलचस्पी नही दिखाई।