उन्नाव मामले में बीजेपी व्यवहार ‘मुंह में राम बगल में छुड़ी’ जैसा ,

: उन्नाव मामले में बीजेपी व्यवहार ‘मुंह में राम बगल में छुड़ी’ जैसा


: नई दिल्ली। चुनाव में सभी दल वोट बंटोरने के लिए कितने चटाकेदार घोषणापत्र जनता के सामने पेश कर देती है। लेकिन चुनाव के बाद वह घोषणपत्र को भूलकर सिर्फ पार्टी के हित में काम करती है। कुछ ऐसा ही हाल सत्ता में बैठे भारतीय जनता पार्टी का भी है। बीजेपी ने 2019 के अपने चुनाव घोषणापत्र में 37 दफा महिला सुरक्षा की बात की है। लेकिन उन्नाव मामले में जो बीजेपी का अब तक रवैया रहा है यह पार्टी के वादे के उलट रहा है।

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणापत्र में लिखा था कि हम एक महिला सुरक्षा डिविजन गठित करेंगे जो गृह मंत्रालय के अधीन आएगा। जिसके तहत महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध के लिए सख्त प्राव्धान लाए जाएंगे ताकि रेप जैसे मामले में तय समय में जांच पूरी हो सके और पीड़िता को फास्ट ट्रैक कोर्ट के तहत इंसाफ मिल सके।

लेकिन उन्नाव मामले में देखें तो ऐसा लगता है कि यूपी की सत्ता में बैठी योगी सरकार सेंगर को लगातार संरक्षण देने की कोशिश कर रही है। सबसे पहले 2017 में चलते हैं तो जब जब बीजेपी विधायक सेंगर ने कथित रूप से नाबालिग के साथ बलात्कार किया था।

मगर यह मामला सुर्खियों में तब आया जब 2018 में विधायक के भाई अतुल सिंह और उनके साथियों ने उसके पिता को मारा-पीटा और बाद में पुलिस ने उल्टे उसके पिता के ही ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करके उसे जेल भेज दिया।

जब लड़की के पास इंसाफ के लिए कोई चारा नहीं बचा तो लड़की अपनी मां के साथ पिछले साल ही आठ अप्रैल को लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर आई और अपने ऊपर तेल छिड़ककर आत्महत्या की कोशिश की लेकिन उसे बचा लिया गया। अगले ही दिन पीड़ित लड़की के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई और ये मामला सुर्ख़ियों में आ गया।

मामले के सुर्खियों में आने और चौतरफ़ा दबाव के बावजूद उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए इसमें मामले में हाईकोर्ट को दखल देना पड़ा। कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई तब जाकर सीबीआई जांच शुरू हुई और पिछले साल 13 अप्रैल को कुलदीप सेंगर की गिरफ़्तारी हुई।

उसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव में राज्य के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ एक ऐसे चुनावी सभा संबोधित कर रहे थे जहां मंच पर रेप के आरोपी विधायक सेंगर के पोस्टर लगे थे मंच पर सेंगर की पत्नी युपी कैबिनेट में बैठी स्वाति सिंह के साथ नज़र आ रही थी। हद तो तब हो गई जब पिछले महीने ही उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज जेल में सेंगर से मिलने पहुंच गए।

सड़क हादसे के बाद भी पहले तो प्रशासन पहले इसे सिर्फ एक दुर्घटना बता रही थी लेकिन चैतरफा घिरने के बाद पुलिस ने बाद में सेंगर और अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया। लेकिन उससे पहले पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह का इस मामले में कहना था कि ‘प्रथम दृष्ट्या यह हादसा ही प्रतीत हो रहा है, इसमें साज़िश जैसी कोई बात नहीं दिख रही है।’

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