उप्र चुनाव में जिस पार्टी का पूर्वांचल में रहा बहुमत उसकी बनेंगी सरकार

लखनऊ। भाजपा हो या सपा अथवा बसपा इन सभी का जोर पूर्वांचल की सीटों पर है। कांग्रेस भी वाराणसी में रैली कर चुनावी शंखनाद का बिगुल बजा चुकी है। भाजपा तो पूर्वांचल समेत पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फाैज उतार चुकी है। चुनावी बिगुल बजने से पहले ही पूर्वांचल में प्रधानमंत्री मोदी की एक नहीं तीन बड़ी जनसभाएं हो चुकी है। पूर्वांचल में सभी पार्टियों की गतिविधियों का बढ़ना यूं ही नहीं है। यदि सत्ता का दरवाजा देखें तो वह पूर्वांचल से ही होकर गुजरता है। कोई भी पार्टी जब पूर्वांचल में अपना वर्चस्व कायम किया तो उसकी सत्ता आयी। भाजपा के लिए पूर्वांचल इसलिए भी इस बार ज्यादा अहम है कि दुबारा सत्ता में आना है।

यदि 2017 के चुनाव परिणामों पर नजर दौड़ाएं तो 403 सीटों में भाजपा व सहयोगी दलों को 325 सीटें मिली थीं। वहीं कांग्रेस व सपा को 47, जबकि बसपा को 19 सीटें मिली थी। भाजपा ने पूर्वांचल में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की थी, इसने 102 विधानसभा सीटों में से 69 पर जीत हासिल की थी। वहीं, समाजवादी पार्टी को 13, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को आठ, कांग्रेस को एक और अन्य को 11 सीटें मिली थीं। सपा का वोट शेयर 21.58 फीसदी था, जबकि बसपा को 24.19 फीसदी वोट मिले थे।

इसी तरह अवध क्षेत्र में भी बीजेपी ने 121 विधानसभा सीटों में से 93 पर जीत दर्ज कर दमदार प्रदर्शन किया था। वहीं, समाजवादी पार्टी को 10, बहुजन समाज पार्टी को आठ, कांग्रेस को चार और अन्य को छह सीटें मिलीं थीं। सपा का वोट शेयर 21.81 प्रतिशत था, जबकि बसपा को 21.93 प्रतिशत वोट मिले थे।

यदि पूर्वांचल की जीत व सरकार बनाने में योगदान पर नजर दौड़ायें तो 2017 में भाजपा ने इस क्षेत्र के 26 जिलों की 156 विधानसभा सीटों में से 106 सीटें जीती थीं, जबकि सपा ने 2012 में यहां से 85 सीटें जीती थीं और सरकार बनाई थी। ऐसा ही कुछ 2007 में हुआ था जब बसपा को यहां से 70 से ज्यादा सीटें मिली थीं। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन दशकों में पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के मतदाता हमेशा किसी एक पार्टी के साथ नहीं रहे हैं।

भाजपा ने पूर्वांचल में विकास कार्य भी दूसरी सरकारों की अपेक्षा ज्यादा किया है। पार्टी का यही जोर है कि पूर्वांचल में पिछली बार की अपेक्षा सीटों की संख्या कुछ ही सही लेकिन और बढ़ायी जाय। वह इसमें कितना सफल होती है, यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री का पूर्वांचल में अधिकतम दौरा यही बताता है कि भाजपा अपने पूर्वांचल मिशन में सफल होती दिख रही है।

Related Articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles