लोकतंत्र का महापर्व(चुनाव) चल रहा है। लोकतंत्र के इस महापर्व में बार-बार बार अंग्रेजी की एक कहावत दोहराई जाती है “Every vote cunt” ऐसे में चुनाव आयोग की यह कोशिश रहती है कि कोई शख्स इसमें भागीदारी से वंचित न रह जाए।
इसलिए चुनाव आयोग एक-एक वोटरों तक पहुंचने के लिए हर मुमकिन तरीके अपनाता है। इसी सिलसिले में चुनाव आयोग गुजरात के गिर में सिर्फ एक वोटर के लिए बूथ सेटअप करता है।
गुजरात के जूनागढ़ में गिर के घने जंगलों में बने मंदिर के एक पुजारी के लिए मतदान केंद्र की व्यवस्था की जाती है।
इसके अलावा गुजरात के ओखा तट से 30 किमी दूर अरब सागर में स्थित एक छोटे से टापू आजाद बेट पर भी मात्र 40 वोटरों के लिए मतदान केंद्र बनाया गया है।
जानकारी के मुताबिक जंगल में स्थित बानेज मंदिर के पुजारी महंत भरतदास (62) के मतदान के लिए पुलिस समेत आठ मतदानकर्मियों की टीम वहां पहुंचेगी। वह वर्ष 2007 से वहां नियमित रूप से मतदान कर रहे हैं। यह इकलौते वोटर वाली देश की एकमात्र बूथ है।
दूसरी ओर देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुका से संबद्ध आजाद टापू जहां पहली बार मतदान वर्ष 2014 से शुरू हुआ था पर कुल 89 लोग रहते हैं जिनमें से 40 वोटर हैं। इन्होंनें पिछली बार 2017 के विधानसभा चुनाव में 90 प्रतिशत मतदान किया था।
गुजरात के कुल 51,851 बूथ में से लगभग 400 कठिन पहुंच वाले माने गये हैं पर इनमें से उक्त दोनों को सर्वाधिक कठिन माना जाता है। गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर आज वोट डाले जा रहे हैं।