लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के नतीजे लगभग आ चुके हैं और एक बार फिर देश की जनता ने दूसरी बार बतौर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को ही देश की सत्ता प्रचंड बहुमत के साथ सौंप दी है। इस बार विपक्ष ने बीजेपी (BJP) के खिलाफ मुसलमानों का वोट पाने के लिए पूरा ज़ोर लगा दिया था और यही वजह है कि, 2014 की तुलना में इस बार लोकसभा जाने वाले मुसलमान सांसदो की संख्या बढ़ गई है, तो आपको बता दें इस बार कुल 27 मुस्लिम सांसद मुस्लिमों की आवाज़ उठाने के लिए लोकसभा जा रहे हैं, वही आपको मालूम हो 2014 में कुल 23 मुस्लिम सांसद बने थे और साथ ही उत्तर प्रदेश में सपा बसपा का गठबंधन भले ही सफ़ल ना रहा हो, लेकिन ये महागठबंधन उत्तर प्रदेश से 6 मुस्लिम सांसदों को जिताने में ज़रूर कामयाब रहा है।
देश में मुस्लिम सांसदों पर क्या कहता है इतिहास
पिछले अगर 4 लोकसभा चुनावों पर नज़र डालें तो पता चलता है, सबसे ज़्यादा मुस्लिम संसद 2004 में 34, 2009 में 30 और 2014 में 23 लोकसभा पहुंचे थे और भारतीय चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा मुस्लिम सांसद 1980 में संसद पहुंचे थे, जिनकी संख्या 49 थी।
वहीँ इस बार एनडीए-NDA से सिर्फ एक मुसलमान सांसद जीते हैं। बिहार से महमूद अली कैसर जेडीयू-JDU (भाजपा की सहयोगी कही जाने वाली पार्टी) के टिकट पर जीते हैं।
बाकि कहाँ कहाँ बने मुस्लिम संसद
अस्साम
बदरुद्दिन अजमल साहब
अब्दुल खालिक
बिहार
चौधरी मेहबुब अली कैसर
डॉ मोहम्मद जावेद
जम्मु & कश्मीर
हस्नैन मसुदी
मो अकबर लोन
फारूख अब्दुल्ला
केरल
ए एम आरीफ
ई टी मो बशिर
लक्षदीप
मौ0 फैजल
तेलंगाना (हैदराबाद)
असादुद्दीन ओवैसी
महाराष्ट्र
ईम्तियाज जलील
पंजाब
मौ0 सादिक
तमिलनाडु
नवाज कानी
उत्तर प्रदेश में इस बार बने छः मुस्लिम संसद
कुंवर दानिश अली
अफजाल अंसारी
एस टी हसन
मो आजम खान
हाजी फजलुर्रहमान
डॉ शफिकुर्रहमान बर्क
पश्चिम बंगाल
नुसरत जहा रुही
खलिकुर्रहमान
अबु ताहिर खान
सजदा अहमद