-एमसीयू की एडमिशन अधिसूचना में भोपाल, खंडवा तथा रीवा परिसर में दाखिला जारी रखने के निर्देश
-विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नोएडा परिसर में दाखिले बन्द कर दिए गए, विद्यार्थियों में कड़ा रोष
-डिजिटल मुहिम में मिला तमाम दिग्गजों का समर्थन
नोएडा: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के नोएडा परिसर में एमसीयू भोपाल से जारी की गयी दाखिले अधिसूचना में नोएडा परिसर में पत्रकारिता की पढ़ाई करने वालों के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने ताला लगा दिया है। ऐसी अधिसूचना जारी करने के तुरन्त बाद से नोएडा परिसर में पढ़ रहे विद्यार्थियों ने अपने अलूमनाइज से बात कर सोशल मीडिया पर #savemcunoida एक मुहिम चला दी। इस मुहिम का नेतृत्व नोएडा परिसर के विद्यार्थी व पूर्व विद्यार्थी परिषद ‘दादा फाउंडेशन’ अनाधिकृत , के सदस्यों द्वारा किया जा रहा हैं।


दरअसल, मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ही नोएडा परिसर को बन्द करने का फैसला ले लिया गया था। ऐसे में हाल ही में भाजपा की सरकार बनने पर नोएडा परिसर को बचाने की उम्मीद विद्यार्थियों में थी, विश्वविद्यालय को नए कुलपति भी मिल गए उसके बावजूद अभी नई महापरिषद का गठन नहीं हुआ। इसको लेकर ही विद्यार्थियों में रोष का माहौल है। वहीं पूर्व व वर्तमान विद्यार्थियों द्वारा चलाई गयी डिजिटल मुहिम को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि ‘जब तक महापरिषद का गठन नहीं होगा, तब तक नोएडा परिसर में दाखिला नहीं हो सकता।’


विद्यार्थियों व दादा फाउंडेशन द्वारा डिजिटल मुहिम का समर्थन करने के लिए तमाम वरिष्ठ पत्रकारों ने भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया। आजतक के विख्यात एंकर रोहित सरदाना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘माखन दादा की बगिया को बचा लीजिये!’ इसके अलावा मीडिया अध्ययन विभाग, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता एवं अध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार भगत ने नोएडा परिसर में दाखिले नहीं होने पर विरोध जाहिर किया और कहा कि ‘नोएडा परिसर में शिक्षण कार्य को नहीं रोकना चाहिए, ताकि भविष्य में भी यहां से देश को दिशा देकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती देने वाले संवेदनशील एवं जिम्मेदार पत्रकार निकलते रहें।’ इसके अलावा वरिष्ठ पत्रकार अनिल निगम ने भी नोएडा परिसर को जारी रखने के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से अपील की।दरअसल, विद्यार्थियों का कहना हैं कि दिल्ली-एनसीआर भारतीय मीडिया का गढ़ है, ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नोएडा परिसर का राजनीतिक कारणों से तालाबन्दी करना, भावी पत्रकारों के भविष्य से खिलवाड़ करना है।


नोएडा परिसर के पूर्व व वर्तमान विद्यार्थियों का मानना हैं कि मीडिया संस्थानों के मुख्यालय निकटतम होने के कारण नौकरी की तालाश व पत्रकारिता की बारीकियों का नजदीक से अध्ययन करने का अवसर समयानुसार मिलता रहता है। ऐसे में नोएडा परिसर को बन्द करना विद्यार्थियों के लिए ही नहीं, भविष्य में मीडिया संस्थानों में कर्मठ मीडियाकर्मियों की कमी को अवश्य दर्शायेगा। ऐसे में तत्काल रूप से मध्यप्रदेश सरकार को इस विषय का निवारण करने के लिए तुरन्त महापरिषद का गठन कर अपने प्रशासन के निर्णय को परिवर्तन करना चाहिए। प्रयासरत वर्तमान व पूर्व छात्र, नोएडा परिसर।