

पत्रकार आशिष व उसके भाई की हत्या के सम्बंध में जो एफआईआर लिखा गया है वह मृतक की मां के द्वारा लिखा गया है, इसमें 6 लोगों को नामजद किया गया है, मुख्य आरोपी महिपाल और उनके तीन बेटे हैं और आरोपी की वाइफ और बेटी है, सभी को गिरफ्तार करने के लिए टीमें लगातार दबिशें दे रही है, गिरफ़्तारी के लिये 6 टीमें बनाई गई है जिसमें एक टीम शामली, झिंझाना, मुजफ्फरनगर, एक सहारनपुर, और टीम को हरियाणा भी भेजी गई है, आरोपियों की जल्दी से जल्दी गिरफ्तारी होने की संभावना है, दोनों मृतकों आशीष और आशुतोष का अंतिम संस्कार भी हो चुका है, अभी माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा 5-5 लाख की घोषणा की गई जो अभी उनके परिवार वालो को घर जाकर दी जाएगी, महिपाल मुख्य अपराधी है यह झिंझाना का रहने वाला है जो शामली में पड़ता है वहां पर इनके खिलाफ धारा 376, 363, 366 आईपीसी में मुकदमा दर्ज है यह 2011 में मुकदमा लिखा गया है, 2007 में देहरादून के थाना रायवाला में 307 और 25 आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज है, उन्होंने बताया कि कुछ सोशल मीडिया में चली खबरों में घटना को किसी शराब माफिया से जोड़ने की कोशिश कर रहे है जबकि शराब का कोई मामला अभी तक प्रकाश में नही आया है, आशिष लगातार पुलिस के संपर्क मे था, उनके मोहल्ले में एक नशा मुक्ति कार्यक्रम किया गया जिसमें सीओ सिटी के द्वारा भाग लिया गया, कार्यक्रम रविदास मंदिर में हुआ था तब किसी ने कोई भी ना तो शराब तस्करी की शिकायत की है ना ही कोई इससे पहले इसके खिलाफ सूचना आयी है, कभी भी आशीष के द्वारा लिखित या मौखिक रूप से नही बताया गया है ना उनके भाई के द्वारा ना किसी भी परिवार के द्वारा बताया गया है, मोहल्ले वालों का कहना है कि महिपाल गुंडा प्रवृत्ति किस्म का है जो सभी लोगों से गाली गलौज व झगड़ता रहता था, लेकिन ना चौकी और ना थाने के संज्ञान में इस तरह का कोई मामला लाया गया है

