JNU छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और बिहार के बेगूसराय से लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने भारतीय रेलवे द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में कड़ी आपत्ति जताते हुए एक बार फिर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है और उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अब बस बादल और ट्रेन के ट्रैक ही बच गए हैं….
भारतीय रेलवे द्वारा अचार सहिंता का उलंघन कर चाय के कपों पर ‘मैं भी चौकीदार’ का नारा लिख चाय वितरित करने का मामला जबसे सामने आया तो रेलवे की चारों तरफ आलोचना होने लगी। इसी मुद्दे पर कन्हैया कुमार ने शनिवार को ट्वीट में लिखा, ‘चाय के कप को भी नहीं छोड़ा! वैसे अपना प्रचार तो ये नीति आयोग से भी करा लेते हैं। प्रचार के लिए अब बस रेल की पटरियों और बादलों पर ‘चौकीदार’ लिखवाना बचा है। काम ज़ीरो, प्रचार का खर्चा पचहत्तर रुपैया।’


आईआरसीटीसी-IRCTC ने लगाया एक लाख का जुर्माना और दिया कारण बताओ नोटिस
दिल्ली से चलने वाली काठ गोदाम शताब्दी ट्रेन में चाय परोसने के लिए प्रयोग में आने वाले कप को लेकर आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला आयोग के सामने आया था और इस पर आयोग के सख्त रूख के बाद रेलवे ने आनन-फानन में जांच कराई और फिर आईआरसीटीसी ने संबंधित लाइसेंसी कंपनी पर एक लाख रुपये का जुर्माना और कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और इसके अलावा खान-पान प्रमुख, प्रबंधन का जिम्मा संभाल रहे स्टाफ से भी जवाब-तलब किया है।
ट्रेन नंबर 12040 में रेलवे सेवा के माध्यम से ‘मैं भी चौकीदार, आतंकवाद से देश की रक्षा, सैनिकों के सम्मान की रक्षा, राष्ट्र के गौरव रक्षा’ जैसे स्लोगन वाले कप में चाय परोसी गई और इस पर यात्रियों ने नाराज़गी जताते हुए आयोग और रेलवे से शिकायत की और यात्रियों को इस तरह के कप में चाय परोसने की शिकायत एक यात्री ने रेलवे सेवा को ट्वीट के माध्यम से भी की और इस पर आयोग ने मामले को एमसीसी के तहत जांच के लिए बढ़ा दिया। आपको बता दें, आयोग के दबाव को देखते हुए रेलवे ने मामले की जांच कर महज छह घंटे में कार्रवाई भी कर दी।
रेलवे ने इसके लिए आईआरसीटीसी नार्थ जोन को मामले की जांच के आदेश दिए और जांच के बाद आईआरसीटीसी ने साफ किया कि लाइसेंसी इस तरह के विज्ञापन अपनी आय के लिए करते हैं। यह उनके समझौते का हिस्सा है लेकिन इस तरह के विज्ञापन के लिए उन्हें रेलव के संबधित विभाग से अनुमित जरूरी है जो इस विज्ञापन में नहीं ली गई और बिना रेलवे कैटरिंग सर्विस और आयोग की अनुमति से यह विज्ञापन छापा गया था और इसमें चाय परोसी गई इसलिए उक्त लाइसेंसी पर एक लाख रुपये का जुर्माना और सबंधित कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
आईआरसीटीसी ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि इस प्रकरण में केवल कुछ कप ही बंटे थे जिन्हें तुरंत प्रभाव से वापस लेने के लिए कहा गया है भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सख्ती के साथ नियमों का पालन हो इसे सुनिश्चित करने का जिम्मा आईआरसीटीसी का होगा।