चयनितों के ज्वाइन न करने से कट ऑफ मार्क से नीचे के अभ्यर्थियों को नियुक्ति का अधिकार नहींं : हाईकोर्ट

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि चयनित अभ्यर्थियों के सेवा में ज्वाइन न करने से कट ऑफ मार्क से नीचे अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं मिल सकता।

कोर्ट ने कहा कि यदि भर्ती में अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची तैयार करने का कोई प्रावधान नहीं है तो चयनित अभ्यर्थियों के ज्वाइन न करने से नीचे अंक पाने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की जा सकती है।

यह निर्णय न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने मनोज कुमार मिश्र व 6 अन्य याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने शंकरसन दास केस में यह फैसला दे रखा है कि अगर वेटिंग लिस्ट बनाने का कोई प्रावधान नहीं है तो कट ऑफ मार्क से नीचे अंक पाने वाले ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति पाने का कोई अधिकार नहीं बनता और उनके द्वारा नियुक्ति पाने के लिए दायर याचिका पोषणीय नहीं होगी।

याचिका के अनुसार याचीगण ने लेखपाल भर्ती के लिए निकले विज्ञापन के तहत नौकरी के लिए आवेदन पत्र दिया था। यह भर्ती अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग जारी विज्ञापन के तहत भरी जानी थी। विज्ञापन सम्बन्धित जिला के डीएम ने निकाली थी। याचीगण ने आवेदन किया था, परन्तु उनके मार्कस कट आफ मार्क से नीचे होने के कारण उनका लेखापल पद पर चयन नही हो सका था। याचिका दाखिल कर मांग की गई थी कि चूंकि चयनित अभ्यर्थियों में से कई ने ज्वाइन नहीं किया है। इस कारण ज्वाइन न करने से रिक्त रह गये पदों पर उनकी नियुक्ति की जाय।

सरकार ने अपने जवाबी हलफनामा में कहा था कि इस भर्ती में कोई वेट लिस्ट बनाने का प्रावधान नहीं है। याचीगण का चयन सूची में नाम होने मात्र से उन्हें नियुक्ति पाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं मिल जाता है। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वैसे भी इस लेखपाल भर्ती को पूरा हुए 6 वर्ष बीत चुका है। किसी स्पष्ट प्रावधान के अभाव में याचिका में चाही गई मांग पूरी नहीं की जा सकती है।

Related Articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles