चुनाव आयोग से पैसा ना मिलने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता महिलाएं परेशान।

निर्वाचन आयोग से हर वर्ष लगभग गांव के सर्वे का बहुत सारा काम करना पड़ता है ,जिस काम को करने के लिए निर्वाचन आयोग को आंगनवाड़ी महिलाओं की सहायता लेनी पड़ती है।
आंगनवाड़ी महिलाओं से BLO का काम भी कराया जाता है लेकिन इनको मानदेय बहुत कम मिलता है । खबर तहसील भगवानपुर से हैं जहां 31 अगस्त 2019 शनिवार को आंगनवाड़ी महिलाओं ने निर्वाचन आयोग के प्रति विरोध जताया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता

महिलाओं का कहना है कि वर्ष 2019 में इलेक्शन का मानदेय अभी तक नहीं मिला और आगे का काम इन्हें फिर से थोप दिया गया है ।साथ ही महिलाओं को एंड्रायड मोबाइल भी रखने को कहा गया है जिससे इनकी लोकेशन को ट्रैक किया जा सके कि वो काम कर रही है या नहीं कर रही है। महिलाओं का कहना है कि हमें मोबाइल का रिचार्ज तक भी नहीं कराया जाता और हम में से कुछ महिलाओं को एंड्रायड फोन चलाना तक नहीं आता हम कैसे एंड्रायड फोन का उपयोग करें।निर्वाचन आयोग को,इस बात पर गौर करना चाहिए और हमारा मानदेय 6000 सालाना से बढाकर 12000 करना चाहिए नहीं तो हम काम नहीं करेंगी। आपको बता दें कि तहसील भगवानपुर में लगभग 1500 आंगनवाड़ी और सहायीका हैं जिनको अभी तक एक साल से कोई पैसा नहीं मिल पाया है ।सभी महिलाएं निर्वाचन आयोग की निंदा कर रही है, और प्रशासन से गुहार लगा रही हैं कि हमें जल्दी से जल्दी हमारा मानदेय मिले।
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