तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग केस में मौत और गिरफ्तारी के बीच चार दिनों के अंतराल में अबतक क्या-क्या हुआ?

झारखंड के सरायकेला जिले में कदमडीह गांव के मोहम्मद तबरेज के साथ कथित तौर पर ‘मॉब लिंचिंग’ की घटना हुई थी। चोरी के आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने उसे पकड़कर जमकर पीटा था व उससे जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे लगवाये गए थे और इस दौरान उसके साथ लगातार 12 घंटे मारपीट की गई थी। कथित तौर पर इसी पिटाई के कारण बाद में उसकी मौत भी हो गई और पिटाई के समय का एक विडियो भी सामने आया है जो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है यह वीडियो इस घटना की पुष्टि करता है।

वायरल वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें!

दरअसल, घटना का विडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है और चालू संसद सत्र के दौरान कुछ सांसदों ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया भी दी है। इसके बाद राज्य प्रशासन सक्रिय हुआ और घटना में लापरवाही बरतने के कारण कुछ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड भी कर दिया गया। इसी दौरान राज्य सरकार के गृहसचिव ने स्थानीय अधिकारियों से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी फिर सरायकेला जिले के उपायुक्त के द्वारा गृह सचिव को 24 जून को जो रिपोर्ट भेजी गई है, वह इस घटना पर कई अहम सवाल खड़े करती है। 

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यह है तबरेज़ का पूरा घटनाक्रम

जानकारी के अनुसार, मोहम्मद तबरेज अंसारी पर आरोप लगा है कि, 17/18 जून की रात, अपने दो साथियों नुमैर अली और शेख इरफान के साथ कमल महतो नामक आदमी के घर में चोरी की नीयत से घुसा था। इसी दौरान घर के लोग जग गये, और उन्होंने शोर मचाया। इसके बाद ग्रामीणों ने चोरों को पकड़ने का प्रयास किया और इस कोशिश में मोहम्मद तबरेज आलम ग्रामीणों के हाथ लग गया, जबकि उसके दो साथी नुमैर अली और इरफान वहां से भागने में कामयाब रहे और लगभग 2:30 बजे रात घटी इस घटना के बाद ग्रामीणों ने तबरेज की पिटाई की। 

पुलिस को इस घटनाक्रम की सूचना मिली, और लगभग सुबह पांच बजे तक वह घटनास्थल पर पहुंच गई। पुलिस ने तबरेज अंसारी को ग्रामीणों से बचाया। तब तबरेज़ को थाने लाया और इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई। तबरेज अंसारी के पास से मोटरसाइकिल और कुछ अन्य चोरी का सामान पकड़े जाने का आरोप भी लगाया जा रहा है। इस दौरान उसकी प्राथमिक चिकित्सा भी कराई गई थी, लेकिन इस दौरान उसे कोई गंभीर चोट लगने की बात सामने नहीं आई थी। 

18 जून को ही धात की डीह गांव के लोगों के द्वारा तबरेज अंसारी और उसके दो साथियों के विरुद्ध चोरी की प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई थी और इसके बाद तबरेज अंसारी को सदर अस्पताल ले जाकर उसकी एमएलसी भी कराई गई और वहां भी उसे किसी गंभीर चोट लगने की बात सामने नहीं आई थी। इसके बाद उसे न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया था। जानकारी के अनुसार 22 जून को सुबह अचानक तबरेज अंसारी की तबीयत खराब हो गई, और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इन चार दिनों में क्या हुआ

इस घटना में अहम सवाल यह उठाया जा रहा है कि, तबरेज अंसारी की पिटाई का मामला 18 जून को सामने आया था। उसके बाद पहले उसकी प्राथमिक चिकित्सा और बाद में सदर अस्पताल में चिकित्सा भी कराई गई थी। इस दौरान उसे ऐसी किसी गंभीर चोट लगने की बात अब तक सामने नहीं आई है, जिससे उसकी जान को खतरा हो सकता था। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि, चार दिनों के बाद अचानक उसकी तबीयत खराब कैसे हुई जो उसकी मौत का कारण बन गयी। (22 जून को ही सरायकेला-खरसावां के कार्यपालक दंडाधिकारी के सामने तबरेज अंसारी के शव का पोस्ट मोर्टेम किया गया। पोस्ट मोर्टेम की विडियोग्राफी भी कराई गई। इसके बाद तबरेज का शव उसके परिवार वालों को सौंप दिया गया था।)

तबरेज अंसारी के परिवार वालों ने की शिकायत

घटना में मृतक तबरेज अंसारी के परिवार वालों ने धात की डीह गांव के पप्पू मंडल और अन्य के विरुद्ध लिंचिंग करने की शिकायत दर्ज कराई गई थी और 22 जून को ही पप्पू मंडल को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके अगले ही दिन 23 जून को सरायकेला के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की विस्तृत जांच की थी, और घटना पर लापरवाही बरतने के कारण चंद्रमोहन उरांव और विपिन बिहारी सिंह को निलंबित भी कर दिया गया था वहीँ 24 जून की सुबह इस घटना के अन्य आरोपियों कमल महतो, सोनामु प्रधान, प्रेम चंद माहली और भीम मंडल को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

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