साल 2015 में गोमांस रखने की की अफवाह के बाद पीट-पीट कर मार दिए गए अख़लाक़ के पूरे परिवार का नाम वोटर लिस्ट से गायब है गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट के अंतर्गत आगे वाले बिसहाड़ा निवासी अखलाक का परिवार गुरूवार सुबह वोट डालने के लिए आया था हालांकि वोटर लिस्ट चेक करने पर पता चला कि परिवार के किसी भी सदस्य का नाम अब वोटर लिस्ट में मौजूद ही नहीं है.
चुनाव का प्रशासन देख रहे ब्लॉक स्तर के अधिकारियों का कहना है कि बीते कई महीने से अखलाक के परिवार का घर में कोई सदस्य नहीं रह रहा था यही वजह है कि वोटर लिस्ट से उनका नाम हटा दिया गया होगा वहीँ अखलाक के परिवार ने लिंचिंग की घटना के बाद सुरक्षा कारणों के चलते गांव छोड़ दिया था लेकिन गुरूवार सुबह वोट डालने के लिए गाँव वापस आए थे बहरहाल परिवार के किसी भी सदस्य ने इस मामले में कुछ कहने से इनकार कर दिया है
सीएम योगी आदित्यनाथ ने की थी रैली
पिछले दिनों इसी गांव में सीएम योगी की रैली हुई थी और इस रैली में लिंचिंग के आरोपियों ने भी हिस्सा लिया जो इस वक़्त जमानत पर बाहर हैं वहीँ मुख्य आरोपी विशाल राणा समेत आरोपी चार अन्य लोग रैली में सबसे आगे खड़े दिखाई दिए थे और रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा था, ‘कौन नहीं जानता बिसहाड़ा में क्या हुआ? सबको पता है कितने शर्म की बात है कि समाजवादी सरकार ने तब भावनाओं को दबाने की कोशिश की और मैं कह सकता हूं कि हमारी सरकार बनते ही हमने अवैध बूचड़खानों को बंद कराया.’
आपको बता दें कौन है अखलाक?
55 साल के मोहम्मद अखलाक को 28 सितंबर 2015 में गोमांस रखने की अफवाह की वजह से लोगों ने पीट-पीट कर मार दिया था और साथ ही इस घटना में अख़लाक़ के बेटे को भी गंभीर चोट आई थी जिसके बाद यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए थे और इस मामले में मुख्य आरोपी विशाल और शिवम नामक दो लोग हैं वहीँ इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई जिसमें दो नाबालिग भी शामिल थे.
आपको बता दें पहले तो अखलाक के घर से मिले मांस को एक जांच में मटन बताया गया था लेकिन वहीँ दोबारा मथुरा की फोरेंसिक लैब रिपोर्ट ने पुष्टि की कि फ्रिज से लिया गया मीट का सैंपल गोमांस ही था और तबसे मृतक अखलाक के परिजनों के खिलाफ गोहत्या मामले में आईपीसी की धारा 3/8 और 3/11 के तहत केस दर्ज है हालांकि पुलिस अभी तक कोर्ट के सामने इस मामले में गोकशी का कोई भी सबूत पेश नहीं कर पाई है.