नई दिल्ली: एशिया के सबसे बड़े दीनी मदरसा कहे जाने वाले दारूल उलूम देवबंद के परिसर में हैलीपेड निर्माण की शिकायत के बाद शनिवार को इस प्रकरण की जांच के लिये जिला प्रशासन दारुल उलूम देवबंद पहुँचा।
जिलाधिकारी-DM आलोक पांडेय, एसएसपी-SSP दिनेश कुमार पी समेत काफी पुलिस प्रशासनिक आधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे और अफसरों ने पुस्तकालय निर्माण के बारे में भी जानकारी ली।


जिलाधिकारी अलोक पांडेय ने दारुल उलूम प्रबंधन से इस पुस्तकालय के निर्माण के संबंध में अनुमति के बारे में पूछताछ की। जिस पर दारुल उलूम प्रबंधन की ओर से बताया गया कि, यह परिसर दारुल उलूम की सम्पत्ति है, यहां की सभी व्यवस्थाएं दारुल उलूम खुद करता है इसलिए पहले भी कभी निर्माण की अनुमति नहीं ली गई। अब जिला प्रशासन ने आपत्ति जताई है, इसलिए निर्माण की अनुमति ली जाएगी।


जिलाधिकारी आलोक पांडेय ने कहा कि, जांच की गई है पुस्तकालय समेत अन्य निर्माण की कोई अनुमति नहीं ली गई है। इसलिए एसडीएमSDM समेत पीडब्लूडीPWD को इसके तकनीकी सत्यापन का जिम्मा दिया गया है।
तकनीकी रिपोर्ट आने के बाद, यह निर्धारित किया जाएगा कि, इन मामले में क्या एक्शन लिया जाएगा। वहीँ सीएम कार्यालय को शिकायत की गई थी कि, विशालकाय पुस्तकालय की छत पर हेलीपैड बनाने की तैयारी की जा रही है और इसी शिकायत की जांच करने के लिए जिलाधिकारी समेत तमाम अधिकारी दारुल उलूम पहुंचे थे।