नई दिल्ली, 24 जून, 2019: दिल्ली ट्राफिक पुलिस को स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों के बारे में जागरुक करने के उद्देश्य से सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने रोहिणी, दिल्ली के डीसीपी ऑफिस में मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया।
वायु के दूषित होने और जीवनशैली में खराब बदलाव के कारण दिल्ली ट्राफिक पुलिस को कई बीमारियों से जूझना पड़ता है। नियमित जांच और समय पर इलाज से उनका जीवन बेहतर किया जा सकता है।
लगभग 100 पुलिस अधिकारियों ने इस स्वास्थ्य जांच शिविर में भाग लिया, जिसमें चिकित्सा परामर्श, ब्लड प्रेशर की जांच, ईसीजी मॉनिटरिंग, खून में ग्लूकोस की मात्रा की जांच, फेफड़ों की जांच आदि जांचे शामिल रहीं।
सरोज अस्पताल के डॉक्टर ने इस शिविर के बारे में बात करते हुए बताया कि, “काम-काज से होने वाले खतरों ने ट्राफिक कर्मियों के जीवन को मुश्किलों से भर दिया है। मौसम की खराब स्थिति, धूल, प्रदूषण, गर्मी और ठंड के साथ, उनमें कई स्वास्थ्य समस्याओं के विकास का जोखिम होता है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी अपनी स्वास्थ्य की बिगड़ी हुई स्थिति के बारे में भी नहीं जानते थे। जांच शिविर से पता चला कि उनमें से लगभग 30% लोग किसी न किसी तरह की सांस संबंधी बीमारियों जैसे अस्थमा, फेफड़े, गले में जलन से पीड़ित थे। मुख्य रूप से हमें उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या और हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगी ज्यादा देखने को मिले और उनमें से कुछ को लंबे समय तक खड़े रहने के कारण जोड़ों में दर्द की शिकायत भी थी।”
सालों से चिकित्सा विशेषज्ञ यह कहते आ रहे हैं कि हर किसी को समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए, फिर चाहे उन्हें कोई तकलीफ महसूस हो रही हो या नहीं। रुटीन चेकअप कराने से स्वास्थ्य संबंधी सभी मामलों की खबर रखी जा सकती है, यहां तक कि यदि कोई बीमारी भविष्य में विकसित हो सकती है तो जांच से उसकी पहचान कर उसे विकसित होने से रोका जा सकता है और समय पर इलाज भी किया जा सकता है। सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल हमेशा से ही लोगों की मदद करने में सबसे आगे रहा है।
शिविर के प्रवक्ता ने आगे बताया कि, “समय-समय पर स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग एक लंबी और स्वस्थ जीवन जीने की संभावना को बढ़ाने की कुंजी होती है। उम्र की सीमा और स्वास्थ्य स्थितियों के अनुसार, ऐसे चेकअप को अक्सर-मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक रूप से किया जाना चाहिए। शुरुआती निदान और स्क्रीनिंग संभावित समस्याओं के जोखिम की पहचान करने में किसी भी व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिसे विकसित होने से रोका जा सकता है और समय पर इलाज भी किया जा सकता है।”
मीरजों की जांच की गई, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी गई और बताया गया कि उनकी जीवनशैली में किस तरह के बदलाव लाना जरूरी है। ट्राफिक कर्मियों को दवाओं के साथ कई और जाचें करवाने की सलाह दी गई ताकि उनकी देखभाग और इलाज दोनों ही अच्छे से हो सके। दवाओं के अलावा उन्हें योग, नियमित एक्सरसाइज करने के लिए कहा गया और प्रदूषण की मार से बचने के लिए ड्यूटी के वक्त पॉल्यूशन फ्री मास्क पहनने की सलाह दी गई।