नई दिल्ली। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के विकास में सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। शनिवार को राजधानी दिल्ली में देश के पहले सहकारिता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात की।
इस दौरान अमित शाह ने कहा कि देश के विकास में सहकारिता का योगदान आज भी है। हमें नए सिरे से सोचना पड़ेगा। नए सिरे से रेखांकित करना पड़ेगा और काम का दायरा बढ़ाना पड़ेगा। इसके साथ-साथ पारदर्शिता लानी पड़ेगी।
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय का स्मरण करते हुए किया। शाह ने कहा, “ आज शुरुआत पंडित दीनदयाल की जन्म जयंती से करना चाहूंगा, क्योंकि मेरे जैसे कई कार्यकर्ताओं का सहकार में आने की प्रेरणा का मूल स्थान दीनदयाल जी की अंत्योदय की नीति ही है।”
शाह ने आगे कहा, “ गरीब कल्याण और अंत्योदय इसकी कल्पना सहकारिता के अलावा हो ही नहीं सकती है। देश में जब भी पहले-पहल विकास की बात होती थी, तब सबसे पहले अंत्योदय की बात जिन्होंने की, वे पंडित दीनदयाल जी ही थे।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष के बाद और ऐसे समय में जब सहकारिता आंदोलन की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय बनाया और उसका जिम्मा मुझे सौंपा। शाह ने इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया।