पंजाब सीएम पद की रेस में अब अंबिका सोनी भी शामिल

कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब में सियासी हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार पंजाब के अगला मुख्यमंत्री की रेस में सुनील जाखड़ फ्रंट रनर हैं, अन्य में अंबिका सोनी, विजय इंदर सिंगला शामिल हैं। लेकिन कांग्रेस नए सीएम के नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। वहीं पंजाब कांग्रेस विधायक दल का नया नेता चुनने के लिए सुबह 11 बजे बैठक होनी थी, लेकिन फिलहाल बैठक के होने पर संशय है।  

इससे पहले शनिवार शाम चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन में पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता के चयन की जिम्मेदारी पार्टी हाईकमान को सौंप दी गई थी। कैप्टन के इस्तीफे के बाद, कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को नई दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर संपन्न हुई थी। कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और अंबिका सोनी ने बैठक में भाग लिया था।

विधायकों की अलग-अलग राय
शनिवार की बैठक में शामिल परगट सिंह ने कहा कि सीएलपी की एक और बैठक की जरूरत नहीं है। कल की बैठक में एक प्रस्ताव दिया गया था हालांकि यह आलाकमान का विशेषाधिकार है। वहीं विधायक कुलदीप वैद ने सुनील जाखड़ से मुलाकात के बाद कहा कि हम सोनिया गांधी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इसके तुरंत बाद सीएलपी की बैठक में फैसला लिया जाएगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के पीछे एक पृष्ठभूमि और मुद्दे हैं।

गांधी परिवार की करीबी हैं सोनी
पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री और राज्यसभा में पंजाब का प्रतिनिधित्व कर रहीं अंबिका सोनी अविभाजित पंजाब के लाहौर (अब पाकिस्तान में) में पैदा हुई थीं। उनके पिता नकुल सोनी अमृतसर में डीसी रह चुके थे। सिर्फ 21 साल की उम्र में सोनी कांग्रेस से जुड़ीं और 1975 में यूथ कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। वे गांधी परिवार की काफी करीबी मानी जाती हैं। 

सुनील जाखड़ के नाम से रंधावा को दिक्कत
सूत्रों के अनुसार बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के नाम पर सहमति बन गई थी लेकिन यह भी पता चला है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किसी हिंदू को विधायक दल का नेता बनाए जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जाट-सिख को नेता बनाने की मांग रख दी है। रंधावा अपनी इस मांग पर अड़े थे, जिसे ध्यान में रखते हुए हाईकमान ने रविवार को विधायक दल की फिर से बैठक बुलाकर नेता चुनने का फैसला किया है।  

बैठक से पहले कैप्टन ने दे दिया था इस्तीफा
चंडीगढ़ में शनिवार शाम बुलाई गई पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद कैप्टन विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे थे, हालांकि उनके समर्थक सभी विधायकों ने इसमें शिरकत की थी। विधायक दल की बैठक में 79 विधायक और पार्टी हाईकमान द्वारा नियुक्त किए गए तीन आब्जर्वर भी उपस्थित रहे। वहीं, आम आदमी पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक सुखपाल सिंह खैरा, जगदेव सिंह कमालू, निर्मल सिंह खालसा और निर्मल सिंह मनशिआ भी कांग्रेस भवन में मौजूद थे लेकिन उन्हें विधायक दल की बैठक में प्रवेश नहीं दिया गया।  

Related Articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles