सुलतानपुर। सांसद मेनका संजय गांधी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में राजनीतिज्ञों व उनके समर्थकों ने बड़े बड़े बंगले बनवाए लेकिन केन्द्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार ने बेघर व गरीब परिवार के लोगों के लिए घर बनाने का काम किया है। इसी योजना में पिछले साढ़े चार सालों में 85 हजार मकान बनाए गये। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका संजय गांधी ने संसदीय क्षेत्र दौरे के तीसरे व अन्तिम दिन यह बातें कहीं।
भाजपा सांसद ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के द्वारा महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हिंदुस्तान की सरकार ने हमेशा जरूरतमंदों की मदद की है, उन्हें पूरा भरोसा है कि अफगानिस्तान की महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए हिंदुस्तान की सरकार बड़ा कदम उठाएगी। सांसद ने प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष संत नरेंद्र गिरि के देहावसान पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए दुख जताया।उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं बहुत दुखदाई होती हैं।
इसके बाद उन्होंने भाजपा जिला कार्यालय पर पार्टी के विभिन्न मोर्चों, प्रकोष्ठों व विभागों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। साथ ही धनपतगंज ब्लॉक अंतर्गत बाढ़ग्रस्त गांव अमऊजासरपुर का नाव से दौरा किया बाढ पीड़ितों से मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया।
सांसद मेनका गांधी मंगलवार को अपने दौरे के अंतिम दिन दिल्ली जाने से पहले बाढ़ ग्रस्त इलाकों का नाव में बैठकर प्रशासनिक अमले के साथ निरीक्षण किया। बाढ़ की वजह से इस समय सुल्तानपुर विधानसभा क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांव डूबे हुए हैं।अमउजासरपुर गांव में लगभग 30 परिवार हैं। उनका संपर्क शहर से पूरी तरीके से पानी की वजह से कट गया है। ऐसे में सांसद मेनका गांधी उनके गांव पहुंची और लोगों से बातचीत कर उनका हाल जाना। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि हर साल होने वाले ऐसे हालात को देखते हुए वो आपदा प्रबंधन फण्ड से एक स्ट्रीमर देने के साथ ही फसलों के नुकसान के लिए मुआवजा भी दिलवाया जाएगा। इसके पूर्व सांसद मेनका संजय गांधी ने सुलतानपुर विधानसभा के सौरमऊ, देहली मुबारकपुर, अलहदादपुर व बालमपुर में चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति बिल्कुल नहीं आती.. वो तो लोगों की सेवा और खुशहाली की राजनीति करती हैं। वहीं चौपालों में मेनका गांधी ने ग्राम प्रधानों से ग्राम समाज की पड़ी हुई ख़ाली जमीनों पर आम, जामुन, महुआ, अमरूद आदि फलदार पौधे लगाने के लिए कहा। उन्होंने ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने का मंत्र देते हुए प्रधानों से कहा कि खाली पड़ी जमीनों पर मेहंदी व भीमा बांस लगाकर वे धीरे-धीरे करोड़ों की आमदनी कर सकते है।