जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM और नेशनल कांफ्रेंस (नेका) के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला से जब पत्रकार ने धारा 370 के बारे में सवाल किया तो उन्होंने इस पर 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, अगर धारा 370 अस्थायी है, तो हमारा अधिग्रहण भी अस्थायी है, जब महाराज ने इसे स्वीकार किया, यह तब भी अस्थायी था। अब्दुल्ला ने आगे कहा कि, उस समय कहा गया था कि, कश्मीर में जनमत संग्रह होगा और जनता तय करेगी कि, भारत या पाकिस्तान में से किसके साथ जाना है। जब ऐसा नहीं हुआ है तो, वो धारा 370 को कैसे हटा सकते हैं।
उधर राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि, कश्मीर की संस्कृति का संरक्षण सरकार करेगी और आतंक पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि, भारत को तोड़ने की कोशिश कर’ने वालों को उन्हीं की भाषा में जवाब देंगे।
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसे कोई अलग नहीं कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि, कश्मीरी पंडित अपने ही देश में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। हमें उनकी वापसी की उम्मीद है।