नई दिल्ली। किसानों के भारत बंद के समर्थन में सोमवार को दिल्ली में वकील भी सड़कों पर उतरे। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट और तीस हजारी कोर्ट में आज वकीलों ने नारेबाजी की और केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में आज ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, प्रगतिशील महिला संगठन और ऑल इंडिया एससी एंड एसटी एडवोकेट्स वेलफेयर आर्गनाईजेशन ने कोर्ट परिसर के बाहर कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन के पास प्रदर्शन किया। ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन दिल्ली स्टेट से सचिव सुनील कुमार ने कहा कि किसानों के इस आंदोलन में वकील बिरादरी भी उनके साथ है। जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक आंदोलन भी जारी रहेगा।
ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के नेता वकील अरबिंद सिंह ने कहा कि हम सब किसान के बेटे हैं, उनकी मांगें पूरी होने तक वे उनके संघर्ष के साथ हैं। प्रगतिशील महिला संगठन की नेत्री और वकील शोभा ने कहा कि कृषि कानून कारपोरेट की मदद करने वाला है, किसानों और आम लोगों के हितों में नहीं है।
इस मौके पर ऑल इंडिया एससी एंड एसटी एडवोकेट्स वेलफेयर आर्गनाईजेशन के अध्यक्ष और वकील जेवी सिंह ने कहा कि ये कानून किसान विरोधी हैं। पिछले दस महीनों से किसान धरने पर बैठे हैं और छह-सात सौ किसानों की मौत हो गई है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार बिना शर्त तीनों कृषि कानून वापस ले।
तीस हजारी कोर्ट में ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, लॉयर्स फॉर डेमोक्रेसी, प्रगतिशील महिला संगठन, एनसीएचआरओ और सीएफडब्ल्यूडी से जुड़े वकीलों ने गेट नंबर एक के पास जुलूस निकाला और किसानों की मांगों का समर्थन किया। वकील तख्तियां लिए हुए थे, जिन पर कृषि के कारपोरेटीकरण, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी जामा पहनाने और कृषि कानूनों की वापसी की मांग की।