भारत में मलेरिया से होने वाली मौतों की दर चिंताजनक
नई दिल्ली,20th अगस्त, 2019: मॉनसून अपने साथ खुशियों की बहार लेकर आता है लेकिन साथ ही यह कई प्रकार के बेक्टीरिया और वाइरस को पनपने का वातावरण भी तैयार करता है, जिसके कारण लोगों को कई बीमारियों से जूझना पड़ता है। बारिश का जमा हुआ पानी और वायु में नमी मच्छरों की बड़ी संख्या को पैदा करता है जो घातक बीमारियों का कारण बनते हैं।
मॉनसून में इम्यून सिस्टम धीमी गति में काम करने लगता है इसलिए इस मौसम में लोगों को बुखार सबसे ज्यादा होता है। बारिश के मौसम में खांसी-जुकाम जैसी हल्की फुल्की परेशानियां होना तो आम बात है लेकिन यही मौसम जानलेवा बीमारियों को भी जन्म देता है इसलिए खुद से सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।” मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और गैस्ट्रोएन्टराइटिस जैसी बीमारियां इस लिस्ट में शामिल हैं। दिल्ली में इस साल मलेरिया के 83 और डेंगू के 34 मामले दर्ज हुए 48,039 घरों में मच्छर पाये गये।
सरोज सुपरस्पेशलिटी हॉस्पीटल, नई दिल्ली के एचओडी, इंटरनल मेडिसिन के डॉ. एस. के. मुंद्रा के अनुसार “बारिश के कारण पानी जगह-जगह भर जाता है, इस पानी में कई तरह के खरतनाक मच्छर पनपते हैं जिनके काटने से मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां जन्म लेती हैं। मल से संक्रमित भोजन का सेवन करने से हेपेटाइटिस की बीमारी होती है और गंदे पानी के सेवन और आसपास गंदगी रखने से टाइफायड की बीमारी जन्म लेती है। टाइफायड का बुखार एस.टाइफी नाम के बैक्टीरिया के कारण होता है। यह सब हमारी ही लापरवाही का नतीजा होता है। डॉक्टर के परामर्श पर दी गई दवाइयों से कुछ प्रकार के बुखार तो आसानी से ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ को ठीक करने के लिए उचित मेडिकल टेस्ट करना पड़ता है। मॉनसून में समय रहते सही इलाज न मिलने पर कई बार रोगी अपनी जान तक गवां देता है। मच्छरों के आतंक से बचा नहीं जा सकता। ‘मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए मच्छरों को काबू करना जरूरी है.
भारत में मलेरिया से होने वाली मौतों की दर चिंताजनक है । मच्छर से होने वाली इस बीमारी का साया भारत की लगभपग पुरी आबादी पर निरंतर मंडराता रहता है। तकनीकी तरक्की के बावजूद मच्छर स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। मच्छरों जनित बीमारियों से होने वाली रोगियों और मृतकों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है जितनी पहले कभी नहीं रही. मच्छर हर कहीं पहुंच जाते हैं. चाहे घना जंगल हो या सूखा रेगिस्तान जहां सालों तक बारिश नहीं होती या फिर बर्फ से ढके पहाड़.
डॉ. एस. के. मुंद्रा अनुसार “मॉनसून के मौसम के दौरान होनी वाली बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है हालांकि इसके लिए पर्याप्त डॉक्टर की सलाह की बेहद जरूरत होती है। इस मौसम में जरा सी असावधानी आपके लिए चिंता का कारण बन सकती है। मच्छर अधिकतर रात को ही काटते हैं. इस लिए सोने से पहले हमें यह सुनिश्चि करना चाहिए कि हम मच्छरों से खुद को सुरक्षित कर लें और यह सुरक्षा इतनी देर तक को जितनी देर हम सोते हैं. इन बीमारियों से बचाना चाहते हैं तो अपने घर के आसपास पानी को न भरने दें। यदि भर भी जाता है तो उसे जल्द ही साफ करवाएं। ज्यादा देर पानी में न रहें और बारिश के पानी में भीगने से बचें। समय समय पर कूलर और गमलों की सफाई करें। भोजन उतना ही बनाएं जितने की जरूरत हो क्योंकि मौसम में नमी के कारण बासी भोजन में बेक्टीरिया हो जाते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करते हैं।”