अक्सर यह कहा जाता है कि मदरसे में पढ़ने वाले रूढ़िवादी सोच के होते है और वह इस शिक्षा के ज़रिए आगे नहीं बढ़ सकते है, लेकिन बिहार के गया के शाहिद रजा ने UPSC में 751वां रैंक लाकर इस बात को गलत साबित कर दिया है।
शाहिद की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। उन्होंने अपने प्राइमरी शिक्षा मदरसे से हासिल की। उसके बाद उन्होंने मौलवी की डिग्री ली और फिर UPSC 2018 में 751रैंक हासिल करने में कामयाब रहे।
न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए शाहिद ने बताया कि, ”मेरी प्रारंभिक शिक्षा एक छोटे से गांव के कस्बे में हुई। इसके बाद मैं आगे की पढ़ाई के लिए आजमगढ़ के मुबारकपुर स्थित अल जमातुल अशर्फिया चला गया। अब मैं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से पीएचडी (PhD) कर रहा हूं।”
आगे उन्होंने कहा कि, ”मैंने मदरसे से अपनी पढ़ाई की, लेकिन शुरुआत से ही सिविल सर्विजेज में जाने के लिए इच्छुक था। इसके लिए मेरी मां ही प्रेरणा देती हैं, मैं जो कुछ भी चाहता था उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया और मेरे पढ़ाई पर जोर दिया.” शाहिद रजा खान ने आगे कहा, ”कोई भी मदरसा, मस्जिद या फिर धर्म रूढ़ नहीं होना चाहिए। धर्म हमें मानवता की सेवा करना सिखाता है, मैं भी यही करूंगा।”