नई दिल्ली। माखनलाल विवि के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कुठियाला की गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने कुठियाला को अंतरिम सुरक्षा भी प्रदान किया है। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने ये फैसला सुनाया है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और पूर्व वरिष्ठ एडवोकेट जनरल पी कौरव ने कुठियाला का पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट से कहा कि राजनीति कारणों से एक 72 साल के बुजुर्ग को तंग किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से वकील राहुल कौशिक ने जमानत का विरोध किया और कहा कि कुठियाला को अपराधी घोषित किया गया है।


न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने इस बयान को गम्भीरतापूर्वक लिया और मौखिक रूप से सरकार के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि इस तरह की असाधारण चिंता तो उन्होंने हत्या और बलात्कार के मामलों में भी नहीं देखी है। उन्होंने कहा कि हम इस बात की जांच करेंगे कि राज्य सरकार ने उन्हें किस आधार पर अपराधी घोषित किया है। आपको बता दें कि कुठियाला पर आर्थिक अनियमितता और विवि में फर्जी नियुक्तियां करने का आरोप है।