महर्षि वाल्मीकी समतामूलक विचार मानव-संस्कृति के पथ प्रदर्शक हैं: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महर्षि वाल्मीकी की जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट के जरिये श्रीराम के पावन एवं आदर्श चरित्र को लिपिबद्ध कर मानव सभ्यता को महाग्रंथ ‘रामायण’ का अनुपम उपहार भेंट करने वाले, महान रचनाकार, देववाणी संस्कृत के मर्मज्ञ, आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन किया है।

उन्होंने अपने संदेश में महर्षि वाल्मीकी को समतामूलक विचार मानव-संस्कृति के पथ प्रदर्शक बताया है। इसके साथ ही शीत ऋतु के स्वागत पर्व ‘शरद पूर्णिमा’ की समस्त प्रदेशवासियों को अनंत शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई दी है।

मुख्यमंत्री योगी ने ईश्वर से प्रार्थना किया है कि यह पर्व आप सभी के जीवन को शांति, समृद्धि, सौहार्द और आरोग्यता के अमृत से अभिसिंचित करे। यह पर्व आप सभी के जीवन में उल्लास, उमंग व ऊर्जा का संवाहक बने।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने वाल्मीकी जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए उनकी सुख समृद्धि की कामना की है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि महर्षि वाल्मीकि के महान विचार हमारी ऐतिहासिक यात्रा के बीच तत्व हैं, जिस पर हमारी परम्परा और संस्कृत पुष्पित पल्लवित होती रही है। सामाजिक न्याय के प्रकाश स्तम्भ रहे, उनके संदेश हमेशा हम सबको प्रेरित करते रहेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महर्षि वाल्मीकी जयंती तथा शरद पूर्णिमा पर समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने संदेश में कहा है कि महर्षि वाल्मीकी ने रामायण की रचना कर देश और दुनिया को सत्य के रास्ते पर चलने का महत्वपूर्ण संदेश दिया। भगवान राम की गौरवगाथा को जन-जन तक पहुंचाने में महर्षि वाल्मीकी ने अपनी प्रज्ञा के आलोक से सबको आलोकित किया था।

भगवान राम के जीवन दर्शन को रेखांकित कर उन्होंने सामाजिक जीवन मूल्यों व आदर्शो को चिर स्थायित्व प्रदान करने का जो कार्य किया, वह आज अनुकरणीय है, प्रेरणादायक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here