मुख्यमंत्री योगी ने विश्व पर्यटन दिवस पर टूरिज्म कार्निवाल का किया शुभांरभ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व पर्यटन दिवस पर सोमवार को लखनऊ के रिवर फ्रंट में तीन दिवसीय ‘टूरिज्म कार्निवाल’ का उद्घाटन किया। पर्यटन विकास के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दस लोगों को इस अवसर पर सम्मानित भी किया गया।

मुख्यमंत्री योगी ने इस मौके पर कहा कि उत्तर प्रदेश आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में सबसे समृद्ध है। उन्होंने कहा कि उप्र में ही भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या, भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि मथुरा, भगवान विश्वनाथ की धरती तथा विश्व की प्राचीनतम नगरी काशी, दुनिया की सबसे पवित्र नदियों गंगा व यमुना के संगम के रूप में कुम्भ की धरती प्रयागराज, विभिन्न शक्ति केन्द्र, भगवान बुद्ध से जुड़े छह प्रमुख स्थल, जैन परम्परा के तीर्थंकरों से सम्बन्धित अनेक पवित्र स्थल हैं।

योगी ने कहा कि दुनिया के अंदर पर्यटन को विकसित करने के लिए जो सबसे पहला प्रयास हुआ होगा, वह संभवतः आध्यात्मिक टूरिज्म के क्षेत्र में ही हुआ होगा और उप्र इस मामले में सबसे समृद्ध है।

योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्प्रिचुअल, हेरिटेज, ईको सहित पर्यटन के विभिन्न क्षेत्रों में विकास की असीम सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को साकार करने के लिए समन्वित तथा और प्रभावी प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के पर्यटन स्थलों को विकसित करने, सहेजने के साथ ही, देश-दुनिया के सामने और आकर्षक तथा नियोजित ढंग से प्रस्तुत किया जाए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने सभी स्टेक होल्डर्स के समन्वित सहयोग से प्रयागराज कुम्भ-2019 का भव्य और दिव्य आयोजन किया। इसमें 24 करोड़ श्रद्धालु एवं पर्यटक आए। इसी प्रकार प्रयास करके प्रदेश के अन्य पर्यटक स्थलों पर भी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।

प्रदेशवासियों को विश्व पर्यटन दिवस की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत रामायण, स्प्रिचुअल, बौद्ध, हेरिटेज आदि सर्किट के माध्यम से प्रदेश के पर्यटक स्थलों का व्यवस्थित विकास कराया जा रहा है। राज्य की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल पर विभिन्न पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना’ लागू की गयी है। राज्य में पर्यटन स्थलों को आकर्षक एवं सुविधापूर्ण बनाने के पर्यटन विभाग के प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वर्ष इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का स्वर्ण जयन्ती वर्ष भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हेरिटेज टूरिज्म से सम्बन्धित अनेक महत्वपूर्ण स्थल उत्तर प्रदेश में हैं। प्रथम स्वाधीनता समर का स्थल, महाराजा सुहेलदेव के शौर्य व पराक्रम का स्थल बहराइच सहित विभिन्न कालखण्ड के ऐतिहासिक स्थल यहां मौजूद हैं। महारानी लक्ष्मीबाई, शहीद मंगल पाण्डेय, पं0 राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आजाद जैसे स्वाधीनता सेनानियों तथा क्रांतिकारियों से जुड़े स्थल, स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़े स्थल जैसे लखनऊ में काकोरी, गोरखपुर में चौरी-चौरा आदि उत्तर प्रदेश में हैं।

उन्होंने कहा कि ईको-टूरिज्म के लिए भी राज्य में व्यापक सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को विकसित करने के लिए वन एवं पर्यटन विभाग को सामूहिक प्रयास करने चाहिए। प्रदेश में तराई के क्षेत्र में ईको-टूरिज्म की असीम सम्भावना है। जून माह में भी इस क्षेत्र में तापमान समीपवर्ती जनपदों के तापमान से काफी कम होता है। विन्ध्य और बुन्देलखण्ड क्षेत्र का सौन्दर्य आध्यात्मिकता से ओतप्रोत कर देने वाला है।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि पर्यटन दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। पर्यटन गतिविधियों से विभिन्न प्रकार के उद्यम फलते-फूलते हैं। इससे पूरे क्षेत्र का अर्थशास्त्र सुदृढ़ होता है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में विगत साढ़े चार वर्षों में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ होने से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। मुख्यमंत्री द्वारा प्रयागराज कुम्भ के दिव्य एवं भव्य आयोजन, अयोध्या में दीपोत्सव, वाराणसी में देव दीपावली जैसे आयोजनों से प्रदेश पर्यटकों के लिए बड़े आकर्षण के रूप में सामने आया है। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में बड़े पर्यटन स्थलों के विकास के साथ ही, 400 से अधिक छोटे पर्यटन स्थलों को भी विकसित कराया जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दो टूरिस्ट बसों को नवाबगंज-कानपुर-बिठूर तथा अयोध्या-गोरखपुर-कुशीनगर के लिए झण्डी दिखाकर रवाना किया। डिस्कवरी चैनल द्वारा वाराणसी पर बनायी गयी लघु फिल्म तथा उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के एप को लॉन्च किया। उन्होंने जनपद वाराणसी के पर्यटन स्थलों पर केन्द्रित पुस्तिका तथा उत्तर प्रदेश के व्यंजनों पर केन्द्रित पुस्तिकाओं का विमोचन किया। लखनऊ मण्डल के आध्यात्मिक पर्यटन स्थलों चन्द्रिका देवी के सौन्दर्यीकरण कार्य का लोकार्पण तथा नैमिषारण्य के पर्यटन विकास से सम्बन्धित परियोजनाओं का शिलान्यास किया। प्रदेश में पर्यटन विकास के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान करने वाले 10 लोगों को सम्मानित किया। ‘उ0प्र0 पर्यटन नीति-2018’ के तहत एक उद्यमी को अनुदान धनराशि का प्रतीकात्मक चेक तथा दो उद्यमियों को पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्रदान किया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने गोमती रिवर फ्रण्ट पर फूड स्ट्रीट का उद्घाटन किया।

ये हुए सम्मानित

पीलीभीत की दिव्या शाह व प्रतीक हीरा, गोरखपुर की जयश्री लाहिड़ी, आगरा के अशोक जैन और दीपक, वाराणसी के कुणाल दीक्षित व अनिल चतुर्वेदी, लखीमपुर के नसीम और धर्मेंद्र तिवारी एवं लखनऊ के पंकज भदौरिया।

इसके अलावा पर्यटन के क्षेत्र में वाराणसी के विकास मालवीय को 15 लाख की सब्सिडी का चेक मिला। साथ ही अयोध्या की मीरा वर्मा को पंजीयन प्रमाण पत्र और अयोध्या के ही सूरज दयाल को प्रमाण पत्र दिया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह, लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, मण्डलायुक्त लखनऊ रंजन कुमार एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य लोग उपस्थित थे।

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