मुज़फ्फरनगर: मुज़फ्फरनगर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि उन्होंने 13 मार्च 2020 को जिले का चार्ज लिया था, तभी कई देशों में कोरोना का वायरस फैल चुका था और देश के प्रधानमंत्री ने देश में लॉकडाउन की घोषणा की तो मुझे लगा की मुज़फ्फरनंगर में कोरोना फैल सकता है इसलिय मेने IAS आलोक यादव से आग्रह किया कि जिले में एक जिला स्तर के अधिकारियो का ग्रुप बनाया जाये ताकी सब अधिकारी अपडेट कर सर्तक रहे और 23 मार्च को CDO ने ग्रुप चालू किया ओर जिला अधिकारी सहित सभी अधिकारी एक्टिव हो गए। जिला अधिकारी ने सर्व प्रथम धारा 144, 188 को गम्भीरता पूर्वक पालन करवाने के आदेश दिए।पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि वे लॉकडाउन का पूरा पालन कर रहे है और अपनी घर भी नही जा रहे है और रात दिन लोगो की सेवा में ही लगे है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन होते ही कुछ लोगो ने मुर्ग, अंडे से कोरिना हो जाने की सोशल मीडिया पर अफवाह फैला दी थी जिस कारण मुर्गी फार्म के स्वामियों ने चूजे मिटटी में दफनाने सुरु कर दिए थे और कुछ ने नाम मात्र रुपयों में ही बेच दिए जिसकी जानकारी मिलते ही मेने कई ब्लॉक में जाकर मुर्गी फार्म के स्वामियों की मीटिंग ली और उन्हें समझाया कि मुर्गे, अंडे से कोरोना नही होता और अखबारों में इसके बारे में छपवाया तब जाकर लोग जागरूक हुए।
उन्होंने मुर्गी फार्म स्वामियों से फार्म में बेहतर सफाई,सेनेटाइजर या साबुन से हाथ धोते रहना और मास्क का हर समय प्रयोग और डिस्टेंस बनाये रखने के निर्देश दिए।पुरकाजी के भदौला निवासी गुरमेल बाजवा ने बताया कि मुज़फ्फरनगर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी भगवान के रूप में आये और इन्होंने लाखो का नुकसान होने से बचा लिया,नही तो फार्म वाले चूजों को मिट्टी में दफना रहे थे की इनकी वजह से छेत्र में कोरोना ना फेल जाए।