उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में पिछले साढे 23 सालों से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे मास्टर विजय सिंह का आज जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने धरना समाप्त करा दिया है जिसके चलते मास्टर विजय सिंह ने बड़े दुखी मन से कचहरी से अपना सामान उठाकर शिव चौक के निकट डेरा जमा लिया है मास्टर विजय सिंह का कहना है कि पिछले 23 सालों से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं मगर भ्रष्टाचार देश की जड़ों तक इतना समा चुका है कि साडे 23 साल तक लड़ाई लड़ने के बावजूद मैं केवल 15 प्रतिशत सफल हो पाया हूं मुजफ्फरनगर से जबरन धरना उठाए जाने के बाद मास्टर विजय सिंह का कहना है कि उनकी लड़ाई लगातार जारी रहेगी अबे पीएम मो पर धरना प्रदर्शन करेंगे


जनपद शामली के थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव चौसाना निवासी मास्टर विजय सिंह पिछले लगभग साढ़े 23 सालों से अपना घरबार छोड़कर मुज़फ्फरनगर में कचहरी 23 वनवासी की तरह जीवन बिता रहे थे जिन्होंने 26 फरवरी 1996 को जिला कलक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने की शुरुआत की थी दरअसल जनपद शामली ( तत्कालीन मुज़फ्फरनगर ) की कैराना तहसील क्षेत्र के गांव चौसाना में लगभग 4000 बीघे सार्वजनिक जमीन पर एक बाहुबली परिवार का कब्जा था जिसे कब्जा मुक्त कराने के विजय सिंह ने बीड़ा उठाना तो। उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी मगर मगर मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठे सालों साल बीतते चले गए इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में सरकार भी बदलती रही मगर जमीन पर कब्जा धारी बाहुबली परिवार सरकार के साथ पार्टी बदलता गया और बीच जनपद में जिलाधिकारी बदलते रहे जिसमें आज मास्टर विजय सिंह को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते साढे 23 साल बीत चुके हैं इस बीच वे कुछ सरकारी भूमि कब्जा धारियों से कब्जा मुक्त कराने में सफल रहे मगर पूरी तरह से कब्जा मुक्त कराने में सफल नहीं हुए तो वे लगातार धरने पर बैठे रहे।इन साढ़े 23 सालो में मंडलायुक्त तथा CBCID स्तर से जाँच हुई ,और जाँच में अवैध कब्जो की पुष्टि हो गई , इसी के चलते कई सरकारे आई और चली गई , तत्कालीन प्रमुख सचिव गृह जे.एन. चैम्बर ने तेजी दिखाते हुए करीब 300 बीघा जमीन भी कराई थी कब्जा मुक्त
मास्टर विजय सिंह ने मुज़फ्फरनगर से लखनऊ तक पैदल यात्रा कर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर सार्वजनिक जमीन को मुक्त कराने की गुहार लगाई थी जिसमे मुख्यमंत्री ने एक कमेटी गठित की थी लेकिन वो भी खाना पूर्ति कर लखनऊ रवाना हो गए थे जिसका अभी तक कोई रिजल्ट भी नही आया
मास्टर विजय सिंह अब 56 वर्ष के हो गए है वो दिन रात धरने पर ही रहते है धरने पर ही खाना बनाना बर्तन धोने कपड़े धोने जैसे कार्य भी मास्टर जी खुद ही करते है । मास्टर जी के खाने का सामान उनके गांव से मिलने आने वाले लोग लेकर आते रहते है जिससे उनकी दिन चर्या चलती है ।
मास्टर विजय सिंह के धरने को लगभग साढ़े 23 वर्ष हो गए है जिस वजह से मास्टर जी का धरना विश्व का सबसे लम्बा धरना बन गया है मास्टर जी का नाम
मास्टर जी का धरना अभी तक लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड, इण्डिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, यूनिक वर्ड ऑफ़ रिकॉर्ड, वर्ड बुक इण्डिया में ये सबसे लम्बे धरने के रूप में दर्ज हो चूका हैं और ये धरना लम्बा विश्व का बन चूका हैं उनका धरना वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहा था मगर आज जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने इस धर्म को समाप्त कर दिया है जिस वजह से दुखी मन से मास्टर विजय सिंह ने साडे 23 साल पुराना अपना धरना समाप्त करते हुए मुजफ्फरनगर के शिव चौक पर डेरा जमा लिया है कितने दिन रहेंगे यह तो भविष्य में ही पता चल सकेगा मास्टर विजय सिंह का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई लगातार जारी रहेगी उनका मानना है कि सरकारी जमीन दबंगों के कब्जे से जुड़े और गरीबो को मिले इसी उम्मीद के साथ वह लगातार धरने पर बैठे थे हालांकि मास्टर विजय सिंह अब पीएम मो पर अपना धरना करने की बात कह रहे हैं