यूपी के बाराबंकी के रानीगंज इलाके में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत हो गई है जिसमे चार लोग एक ही परिवार के हैं। ग्रामीणों के अनुसार शराब पीने के बाद लोगों को दिखना बंद हो गया था। और इलाज के दौरान मंगलवार सुबह तक 12 लोगों की मौत हो गई। वहीँ 10 से ज्यादा लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है, आपको मालूम हो इसी साल फरवरी में भी यूपी के सहारनपुर और आसपास के इलाकों में जहरीली शराब कांड में करीब 50 लोगों की मौत हुई थी।
गांव में चल रहा नकली शराब का धंधा
मृतकों में से चार लोग एक ही परिवार के सदस्य थे और तीन भाई रमेश गौतम, मुकेश, सोनू के साथ उनके पिता छोटेलाल की भी जहरीली शराब से मौत हो गई। रमेश की पत्नी रामावती ने बताया कि, घर में शव को कंधा देने वाला भी कोई नहीं बचा है और ग्रामीणों का आरोप है कि, गाँव में ही दानवीर सिंह की नकली शराब बनाने की एक अवैध फैक्ट्री है और यह नकली शराब उसकी सरकारी ठेके वाली दुकान पर भी बेची जाती है।
इसी साल फरवरी में भी जहरीली शराब से 112 लोगों की हुई थी मौत
इसी साल फरवरी महीने में भी यूपी और उत्तराखंड के चार जिलों में जहरीली शराब पीने से 112 लोगों की मौत हुई थी और स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सबसे ज्यादा 55 मौतें यूपी के सहारनपुर जिले में हुईं थी, वहीँ मेरठ में 18, कुशीनगर में 10 और उत्तराखंड के रुड़की में 32 लोगों की जान गई थी
अदर न्यूज़ एजेंसियों में छपी खबर के सूत्रों की मानें तो, माफिया ने शराब में स्प्रिट या चूहा मारने की दवा इस ज़हरीली शराब में मिलाई थी।
असम में हुई थी सबसे ज्यादा 143 की मौत
फरवरी में ही असम में भी जहरीली शराब के कारण 143 लोगों की मौत होने की ख़बर ने तूल पकड़ा हुआ था, और गोलाघाट जिले में 85 और सटे हुए जोरहाट जिले में 58 की मौत हुई थी। यह जहरीली शराब से हुआ प्रदेश का सबसे बड़ा हादसा बताया गया था। एडीजी मुकेश अग्रवाल ने कहा था कि, असमिया में ‘सुलाई मोद’ के रूप में जानी जाने वाली अवैध शराब की बिक्री और उत्पादन के मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।