

गोरखपुर से भाजपा उम्मीदवार रवि किशन के नामांकन में अड़चनें आ सकती है। क्योंकि 2019 के नामांकन में रवि किशन की तरफ से उनके शैक्षणिक योग्यता की जो जानकारी दी गई है वह पहले की जानकारी से मेल नहीं खाती है।
रवि किशन ने इस बार अपने नामांकन में जो हलफनामा दिया है। उसके मुताबिक रवि किशन सिर्फ 12वीं पास है। लेकिन जब 2014 का उनका हलफनामा देखेंगे तो पता चलता है कि वो ग्रेजुएट है।


2019 में अपने हलफनामा में उन्होंने जानकारी दी है कि वे 1990 में रिजवी कॉलेज ऑफ आर्टस, साइंस एंड कामर्स बांद्रा से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की है। वहीं 2014 में उन्होंने बताया था कि, वे 1992-93 में B.Com की डिग्री हासिल की थी।
अगर चुनाव आयोग रवि किशन के इस गलती पर संज्ञान लेता है तो भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है। क्योंकि इससे पहले चुनाव आयोग ने वाराणसी से सपा उम्मीदवार तेज बहादुर को अपने हलफनामे में अलग-अलग जानकारी देने की वजह से आयोग्य ठहरा दिया था।
2014 में रवि किशन को हाथ का मिला था साथ
आपको मालूम हो कि, 2014 में रवि किशन जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें सिर्फ 43 हजार वोट मिले थे। इस पर रवि ने टप्पणी करते हुए कहा कि, 2014 के लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस में शामिल होना एवं चुनाव लड़ना उनकी भूल थी और अब राजनीति में भाजपा ही उनका आखिरी पड़ाव है।