नयी दिल्ली । राज्यसभा ने विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच आज फेक्टर विनियमन (संशोधन) विधेयक 2021 संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। इससे पहले भी हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही पहले बारह बजे और फिर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी।
दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई उप सभापति हरिवंश ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह विधेयक पेश करने को कहा। वित्त मंत्री के खड़े होते ही कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। वाम दलों तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी जगह पर खड़े थे। श्री हरिवंश ने सदस्यों से अपनी जगह पर जाने की अपील की लेकिन सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
इस बीच श्रीमती सीतारमण ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा कि इस विधेयक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को ऋण सुविधा प्राप्त करने के लिये अतिरिक्त रास्ते सुलभ कराने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में यू के सिन्हा समिति की सिफारिशों के आधार पर तीन संशोधन लाये गए हैं। विधेयक को गत सितम्बर में स्थायी समिति को भेजा गया था और सरकार ने समिति की सभी सिफारिशों तथा सुझावों को इस विधेयक में शामिल किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग को इससे लाभ मिलेगा। विधेयक में संशोधनों से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों की प्रत्यय सुविधा प्राप्त करने के लिये और रास्ते उपलब्ध कराकर खासतौर पर व्यापार से प्राप्त होने वाली आय के माध्यम से सहायता प्रदान करने की बात कही गई है।
विधेयक में कहा गया है कि कार्यशील पूंजी की उपलब्धता में वृद्धि से सूक्ष्म, लधु और मध्यम उपक्रमों से जुड़े क्षेत्र के कारोबार में वृद्धि और देश में रोजगार को बढ़ावा मिल सकेगा। इसमें ‘‘फेक्टर कारोबार’ और ‘प्राप्तव्यों’ की परिभाषा में संशोधन करने की बात कही गई है ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की परिभाषा के अनुरूप लाया जा सके।