रामराज्य का स्वप्न होगा साकार अयोध्या का श्रीराम मंदिर व दक्षिण में जटायु मंदिर का निर्माण :सिद्धार्थ नाथ

प्रयागराज। अयोध्या में भगवान श्रीराम का दिव्य और विशाल मंदिर के नवनिर्माण से ऊर्जा निकलकर केरल के कोल्लम जिले के चदयामंगलम में जटायु मंगलम पहाड़ी पर जटायु मंदिर के निर्माण परियोजना जा पहुंची है। इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कुम्मनमन राजशेखरन के मध्य बृहद रूप से चर्चा हुई।

कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ ने बताया कि ज्ञातव्य हो कि जहां जटायु ने सीता देवी के सम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। जटायु ने अपने बलिदान के माध्यम से भारतीय नैतिक मूल्यों को बरकरार रखा, साथ ही महिलाओं के गौरव और सम्मान की रक्षा की है। जटायु के वीरता साहस और शौर्य के साथ रावण से युद्ध किया। वास्तव में यह एक योद्धा की निस्वार्थ लड़ाई थी। जटायु की महानता यह थी उन्होंने बिना किसी व्यक्तिगत लाभ से रावण का मुकाबला किया और एक नारी के सम्मान और गौरव की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने इसे भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किया।

उन्होंने कहा कि रावण से युद्ध के बाद जटायु शक्तिहीन हो गए थे। अपनी प्यास बुझाने के लिए जटायु जी ने अपनी चोंच से चट्टान को रगड़ कर एक जलकुंड बनाया जिसे ‘कोक्कोरणी’ के नाम से जाना जा रहा है। जलकुंड आज भी विद्यमान है। श्री रामचंद्र ने जटायु का सर अपनी गोद में रखा और सीता हरण की पूरी कथा सुनी। उनकी मृत्यु के पश्चात भगवान श्री राम ने जटायु का अंतिम संस्कार अपने पिता दशरथ की तरह सम्मानपूर्वक किया था। श्रीराम ने जटायु चट्टान के शीर्ष पर एक पैर पर खड़े होकर जटायु को मोक्ष प्रदान किया था और आज भी इस स्थान पर प्रभु श्रीराम के एक पैर का पदचिन्ह है। जिसका भक्तगण आज भी दर्शन पूजन करते हैं।

पूर्व राज्यपाल राजशेखरन ने बताया कि भगवान के पावन चरणों की ओर 501 सीढ़ियों की श्रृंखला बनाने का एक दिव्य प्रयास शुरू किया गया है। जहां जटायु के विशाल मंदिर की दिव्यता का स्वरूप देने की योजना है। जटायु मंदिर की तीर्थ यात्रा से हर भक्त को श्रीराम मंदिर अयोध्या की दिव्यता के जैसा ही आत्म साक्षात्कार का अनुभव प्राप्त हो सकेगा।

उन्होंने जटायु मंदिर के निर्माण हेतु सहयोग मांगा जिस पर कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तरह केरल कोल्लम में जटायु मंदिर बनेगा।अयोध्या से कोल्लम तक सीधा जुड़ने से आध्यात्मिक भावना बढ़ने से जागृति आएगी। उत्तर में अयोध्या का श्री राम मंदिर और दक्षिण में जटायु मंदिर के निर्माण से देश में रामराज्य की परिकल्पना मूर्त रूप लेगी।

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