अध्यक्ष नेशनल कॉन्फ्रेंस डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने PM मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि बालाकोट हमला इसलिए कराया गया ताकि राम मंदिर निर्माण जैसे मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाया जा सके और ऐसा हुआ भी! उन्होंने एंटी सेटेलाइट मिसाइल की उपलब्धि की घोषणा के बारे में कहा कि यह पूर्व PM मनमोहन सिंह के शासनकाल की उपलब्धि बताया। उन्होंने पुलवामा आत्मघाती हमले पर भी शक जताया।
श्रीनगर में शनिवार की सुबह पार्टी के मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने PM मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कितने जवान छत्तीसगढ़ में शहीद हुए, क्या कभी मोदी जी वहां फूल चढ़ाने के लिए गए? कभी उनके परिवार से सहानुभूति जताई? या फिर यहां जितने सिपाही मारे गए, क्या उनके लिए कुछ कहा? मगर जो सीआरपीएफ- CRPF के 40 जवान शहीद हुए उस पर भी मुझे शक है और मैं सच कहता हूं कि बालाकोट पर हमला इसलिए कराया गया ताकि खुद को ताकतवर दिखाया जा सके, जबकि वहां हुआ कुछ भी नहीं और किसी ने कहा कि 500 मारे गए किसी ने 700, लेकिन केवल वहां पेड़ों को नुकसान पहुंचा। आगे उन्होंने कहा कि पीएम ने इन्हीं झूठों से देश के किसानों की हालात, गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी जैसी बातों से लोगों को बेखबर रखने की कोशिश की…
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हाल ही में सेटेलाइट को निशाना बनाने के लिए जो मिसाइल उन्होंने (PM मोदी) फेंका उसे पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह ने बनवाया था, लेकिन उस समय उसकी घोषणा नहीं की गई और PM अपनी तुलना हनुमान जी से करना चाहते हैं, इसलिए आज जब चुनाव सिर पर हैं तो उन्होंने यह दिखाने के लिए कि हनुमान जी आएं हैं, मिसाइल का बटन दबा दिया और आगे उन्होंने बडगाम हेलीकॉप्टर क्रैश को लेकर कहा कि एक बटन वहां भी गलत दब गया और हेलीकॉप्टर गिर गया और उसमें हमारे छह जवान शहीद हो गए और नीचे जो हमारा एक आदमी गाना सुन रहा था वह भी मारा गया
उन्होंने आगे कहा कि पहले सबने रट लगाई हुई थी कि मंदिर (राम मंदिर) बनवाना है, लेकिन बालाकोट एयर स्ट्राइक ने सबका ध्यान वहां से हटा दिया और सब मंदिर का मामला ही भूल गए। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें अगर इस देश को बचाना है तो इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जो ताकतें धर्म के आधार पर इस देश को बांटने पर तुली हैं उनके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा और यह चुनाव ही एक विकल्प है उन ताकतों को दूर करने का तभी सेक्युलर ताकतें एक साथ इस मुल्क में रह सकेंगी।
प्रधानमंत्री पर एक बार और निशाना साधते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इनके (प्रधानमंत्री मोदी के) कितने चेहरे हैं, समझ नहीं आता। एक ओर वह कहते हैं कि पाकिस्तान हाई कमीशन कोई नहीं जाएगा और दूसरी ओर इमरान खान को बधाई भरे संदेश भी भेजते हैं।