मुजफ्फरनगर। प्रतिवर्ष 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। ताकि मच्छर के काटने से होने वाले रोगों के बारे में आमजन को जागरूक किया जा सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया – इस वर्ष विश्व मच्छर दिवस की थीम “शून्य मलेरिया के लक्ष्य तक पहुंचना” है। इसी थीम के आधार पर जनपद में मच्छरों पर वार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मच्छरों के काटने से घातक बीमारियां होने की आशंका रहती है तथा सामुदाय के सहयोग से मच्छरों से होने वाली विभिन्न प्रकार की घातक बीमारियों पर काबू किया जा सकता है। बरसात के दिनों में घरों के भीतर व बाहर अनावश्यक जलभराव होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। घरों के भीतर रखे कूलर व अन्य बर्तनों में लम्बे समय तक साफ पानी रह जाने से अक्सर उसमें डेंगू मच्छर का लार्वा पैदा हो जाता है। इस लिए इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने बताया 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। सन् 1897 में ब्रिटिश चिकित्सक सर रोनाल्ड रॉस ने एक खोज की थी। उन्होंने बताया था कि मनुष्य में मलेरिया का संचार मादा एनाफिलीज मच्छर द्वारा किया था। इसी खोज के बाद प्रतिवर्ष दुनिया में विश्व मच्छर दिवस मनाया जाने लगा।
जिला मलेरिया अधिकारी अलका सिंह ने बताया -विश्व में मच्छरों की करीब 3500 प्रजातियों में से तीन प्रकार की प्रजातियाँ सबसे खतरनाक हैं। इसमें क्यूलेक्स, एनाफिलीज व एडीज मच्छर खतरनाक है। मलेरिया बुखार एनाफिलीज मच्छर के कारण फैलता है। इसके पंख पर चार-पाँच काले धब्बे होते हैं ।
• एडीज मच्छर के शरीर पर सफेद धारिया एवं चित्तियां होती हैं। बैठते समय इसका सिर झुका रहता है। दिन के समय काटता है। डेंगू तथा चिकिनगुनिया रोग एडीज मच्छर के काटने से फैलते हैं।
• क्यूलेक्स मच्छर में शरीर पर कोई धब्बे नहीं होते हैं। यह त्वचा या सतह पर लगभग सीधा समान्तर बैठता है। बैठते समय इसके वक्ष का हिस्सा कूबड़ की तरह मुड़ा दिखता है। जापानी बुखार क्यूलेक्स मच्छर के कारण होता है।