वीर बाला देश भक्ति का अवतार
रानी लक्ष्मीबाई है उसका नाम
माता-पिता, कुटुम्ब- कबीला धन्य हुआ
धन्य हुई भारत माता महान
बचपन के खेल रानी के निराले
बरछी भाला तीर कमान तलवार
घुड़सवारी रानी का वाहन
वीरांगना की है जीवंत मिशाल।
फिर॔गियों के छक्के छुड़े
पीठ पर बंधा लाल
रणक्षेत्र में रणचड़ी का तिरंगा
लहराए घूमे नंगी तलवार
प्रहार खूब झेला मगर न मानी हार
साहस का था पास खजाना
फिरंगियों का किया बूरा हाल
लहर -लहर तिरंगा लहराए
जय बोले खडग की धार ।
खूब लड़ी मर्दानी बन कर
देशभक्ति की है मिशाल
रानी के रक्त का कण-कण
बोले भारत मेरा है महान
कविता झांसी की रानी
कवयित्री सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा
जयहिन्द जयभारत ।