शत-प्रतिशत टीकाकरण तक हमें नहीं रुकना : सीडीओ

मेरठ। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) शशांक चौधरी ने कहा – देश में 100 करोड़ टीकाकरण होना निश्चित ही जश्न का विषय है, पर अभी हमें रुकना नहीं है, टीकाकरण को जारी रखना है। जब तक सौ प्रतिशत टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक हम पूरी तरह सुरक्षित नहीं होंगे। मुख्य विकास अधिकारी शुक्रवार को यहां एक होटल में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण पर मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
सीडीओ ने कहा – कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, लेखपाल, पुलिस विभाग, नगर पंचायत, नगर पालिका सहित सभी सरकारी विभागों का सराहनीय सहयोग रहा। इसके बाद टीकाकरण में भी सभी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने मीडिया की सकारात्मकता की तारीफ करते हुए कहा यहां मीडिया हर छोटी बड़ी समस्या को विभाग के सामने उठाता है और उसके समाधान में भी सहयोग करता है। अक्सर ग्रामीण क्षेत्र में कुछ ऐसे मामले होते हैं जो मीडिया की जागरूकता से ही विभाग के समक्ष आते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कोरोना काल से लेकर टीकाकरण में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से लेकर आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कार्यों की सराहना की।
अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. राजकुमार ने मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने पर फोकस किया। उन्होंने कहा – स्वास्थ्य विभाग आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रजनन, मातृ, नवजात एवं बाल स्वास्थ्य पर लगातार ध्यान दे रहा है। उन्होंने जनपद की परिवार नियोजन की उपलब्धियों की तारीफ करते हुए कहा-पिछले तीन सालों से लगातार मेरठ मंडल प्रदेश में अव्वल रहा है, वहीं पुरुष नसबंदी के मामले में भी जनपद की उपलब्धि प्रशंसनीय है। उन्होंने 100 करोड़ लोगों के टीकाकरण पर सभी देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा जो लोग टीकाकरण से छूट गये हैं वह टीकाकरण जरूर करा लें। उन्होंने स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण के क्षेत्र में सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने कहा- कोरोना को काबू करने के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है। टीके की दोनों डोज लेना बहुत जरूरी है। टीके की केवल एक डोज लेना ही पर्याप्त नहीं है, जब टीके की दोनों डोज लग जाती हैं तो कोरोना से सुरक्षित रहने की संभावना बढ़ जाती है और यदि कोरोना हो भी जाता है तो स्थिति गंभीर नहीं बन सकती | सीएमओ ने टीकाकरण के बाद भी कोरोना प्रोटोकाल के पालन पर जोर दिया। उन्होंने कहा – मास्क तब भी जरूरी था और अब भी जरूरी है। त्योहार के सीजन में सतर्कता बहुत जरूरी है। वैसे भी इन दिनों संचारी रोगों का समय चल रहा है। इसलिए सभी सावधानी बरतें। इसी को ध्यान में रखते हुए फिर से दस्तक अभियान शुरू किया गया है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पूजा शर्मा ने आयुष्मान भारत योजना, परिवार नियोजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस सहित कई राष्ट्रीय कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया – खुशहाल परिवार दिवस पर सभी लाभार्थियों के लिए परिवार नियोजन सामग्री हर स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्ध रहती है, इसके साथ ही वहां परिवार नियोजन के लिए काउंसलिंग की भी व्यवस्था रहती है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रवीण गौतम ने कोरोना टीकाकरण और सामान्य टीकाकरण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया जनपद में अब तक 65 प्रतिशत लोग कोविड का पहला टीका लगवा चुके हैं, दूसरी डोज लगवाने वालों की संख्या बढानी है। उन्होंने मीडिया से उम्मीद जताई की कि वह टीकाकरण को लेकर लोगों को और जागरूक करेगा साथ ही जिन लोगों ने टीके की दूसरी डोज नहीं लगवायी है उन्हें प्रेरित करेगा। डा. गौतम ने कहा – जनपद में स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर्स, पुलिस कर्मी, राजस्व कर्मी, नगर पंचायत से लेकर सैनिकों तक का पूर्ण टीकाकरण किया जा चुका है, यदि कोरोना की संभावित तीसरी लहर आ भी जाती है तो यह लोग कोरोना से लड़ने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं और तैयार हैं।
जिला सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक कुमार तालियान ने किसी भी बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सर्विलांस के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के शुरुआत में कांटैक्ट ट्रेसिंग और जांच दोनों बहुत मुश्किल काम थे, लेकिन सर्विलांस टीम ने अन्य विभागों और लोगों की मदद से इस काम को बखूबी किया। उन्होंने इन दिनों फैल रहे डेंगू सहित अन्य संचारी रोगों के लिए सतर्क रहने को कहा । उन्होंने कहा – डेंगू का मच्छर घर में ही साफ पानी में पनपता है। यदि लोग जागरूक रहें तो इन्हें पनपने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा- डेंगू को लेकर ज्यादा भयभीत न हों, इसका सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निशुल्क उपचार उपलब्ध है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. गुलशन राय ने सन् 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा-टीबी रोकने के लिए सही समय पर जांच और निरंतर उपचार जरूरी है। टीबी का उपचार बीच में छोड़ने से समस्या बढ़ जाती है। टीबी के मरीज को अपने खानपान पर भी ध्यान देना चाहिये। हर सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र पर टीबी की जांच व उपचार की निशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है। निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार हर टीबी मरीज को पोषण के लिए उपचार चलने तक 500 रुपये प्रतिमाह देती है। यह राशि सीधे मरीज के बैंक खाते में पहुंचती है।
इस दौरान स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लेकर मीडिया प्रतिनिधियों ने कई सवाल किये, जिसके जवाब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दिए | कार्यशाला में टीबी पीपीएम कोर्डिनेटर शबाना बेगम, आयुष्मान भारत योजना की जिला समन्वयक डा. अक्षिता सिंह, रेनू लता गौतम, परिवार नियोजन विशेषज्ञ, प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना की जिला समन्वयक रिचा श्रीवास्तव सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य कई अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।

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