सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी की काउंसलिंग पर लगायी अंतरिम रोक

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी की काउंसलिंग पर अंतरिम रोक लगा दी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया।

आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील अरविंद दातार ने कोर्ट से कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक ने एक नोटिफिकेशन में 25 अक्टूबर से नीट की काउंसलिंग शुरू करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की। इस पर केंद्र की ओर से एएसजी केएम नटराजन ने कहा कि अरविंद दातार को वह नोटिफिकेशन मिला है जो मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल को भेजे गए थे। उन्होंने कहा कि आज ही एक और नोटिफिकेशन जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि कोर्ट जब तक फैसला नहीं कर लेती तब तक काउंसलिंग शुरू नहीं होगी।

21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वो ईडब्ल्यूएस के आरक्षण की पात्रता निर्धारित करने के लिए आठ लाख रुपये की वार्षिक आय के मानदंड को अपनाने के लिए क्या कवायद की। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र से पूछा था कि ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए समान मानदंड कैसे अपनाया जा सकता है जब ईडब्ल्यूएस आरक्षण में कोई सामाजिक और शैक्षिक पिछड़पान नहीं है।

कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि आपके पास कुछ जनसांख्यिकीय या सामाजिक-आर्थिक डाटा होना चाहिए। आप हवा में सिर्फ आठ लाख नहीं निकाल सकते हैं। आप आठ लाख रुपये की सीमा को लागू करके असमान को समान बना रहे हैं। कोर्ट ने कहा था कि ईडब्ल्यूएस मानदंड एक नीतिगत मामला है, इसलिए इसकी संवैधानिकता को निर्धारित करने के लिए अपनाए गए कारकों को जानना जरूरी है।

दरअसल नीट परीक्षाओं के अखिल भारतीय कोटे में इस वर्ष ईडब्ल्यूएस के लिए दस फीसदी आरक्षण लागू करने को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाओं में इस वर्ष नीट में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू नहीं करने का अंतरिम आदेश देने की भी मांग कई गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here