खबर जिला हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र के गांव हकीमपुर से है। 4 सितंबर 2019 को भगवानपुर के हकीमपुर गांव में सरकार द्वारा अवैध घोषित कर 7 मकानों को तोड़ दिया गया। आज उन परिवार के लोग रोते हुए नजर आए। आपको बता दें कि पुराने एक कुए की जमीन को बताते हुए सरकार ने इन मकानों को अवैध घोषित कर मकान तोड़ दिए गए। जिन परिवारों के मकान तोड़ दिए गए आज वो बिना छत के गुजारा कर रहे हैं,हालांकि सरकार ने उन्हें तीन तीन बिस्वा जमीन भी मुआवजे के रूप में दिया,लेकिन पीड़ित परिवारों का कहना है कि हम दिहाड़ी मजदूरी कर अपने घर का गुजर बसर चलाते हैं
और हमारे पास मकान बनाने तक के पैसे नहीं हैं, अभी सर्दी का मौसम भी आने वाला है बरसात का तो जा चुका है हमने जैसे तैसे करके बरसात में तो गुजर कर लिया लेकिन सर्दी में हम किस तरह से गुजारा करेंगे। पीड़ित परिवारों ने बताया कि यहां पर बहुत सारे मंत्री और विधायक हमें आश्वासन देकर जा चुके थे लेकिन अब कोई हमारी हालत देखने नहीं आ रहा है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हमें तीन तीन बिस्वा जमीन मुआवजे के रूप में दिया गया लेकिन हमें लिखित कोई प्रमाण सरकार ने नहीं दिया,तो किस तरह से मान लें कि हमें जमीन दे दी गई, अपने जीवन की आधी उम्र लगाकर हमने मकान बनाए थे लेकिन अब हमारी उम्र भी नहीं रही और हम आगे मकान कैसे बनाएं। भगवानपुर के विधायक ममता राकेश का कहना है कि , हमने ग्रामीणों को जमीन दिलवा दी है आगे हम चाहते हैं सरकार से उनको मकान बनाने का मुआवजा भी मुहैया कराया जायगा। हालांकि ग्राम प्रधान इस शशि ने भी इस बात की पुष्टि की है कि यहां पर कोई तालाब नहीं देखा गया सिर्फ यहां एक छोटा कुआ जो कई वर्ष पहले बंद कर दिया गया था जिसकी वजह से इन मकानों को अवैध घोषित कर दिया गया। उतराखंड से हमारे संवाददाता सोनू कुमार की खास रिपोर्ट