हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हार्दिक पटेल के सामने एक बड़ी मुश्किल आन पड़ी है। आपको बता दें गुजरात हाई कोर्ट ने दंगा भड़काने के मामले में हार्दिक की सजा ख़त्म करने से इनकार कर दिया है गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई 2018 में हार्दिक पटेल को मेहसाणा के विसनगर में दंगा भड़काने के एक मामले में स्थानीय अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई गई थी, आपको बता दें उनपर आरोप लगा था कि विसनगर में 23 जुलाई 2015 को एक आरक्षण रैली के दौरान हुई हिंसा और तत्कालीन भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय पर हमले और तोड़फोड़ के मामले में कसूरवार बताते हुए स्थानीय अदालत ने हार्दिक पटेल को दो साल के कारावास की सज़ा सुनाई थी एक नियम के मुताबिक दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाला कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ने के योग्य नही होता है
वहीँ हार्दिक पटेल ने निचली अदालत के सज़ा के फ़ैसले को निलंबित किए की मांग करते हुए हाईकोर्ट में अपनी ओर से याचिका दायर की थी जिसपर हाईकोर्ट ने बीते वर्ष अगस्त में सज़ा पर रोक लगाने से इनकार किया था, लेकिन साथ ही हार्दिक पटेल को जमानत दे दी थी
हार्दिक पटेल ने इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता भी ली थी और जामनगर से लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे हालाँकि हार्दिक पटेल के पास सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का विकल्प अभी बाकी है ल, वहीँ आपको बता दे गुजरात में नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 4 अप्रैल है अब देखना यह है के आगे क्या होता है।




इसी पर हार्दिक पटेल ने अपने ट्वीटर हैंडल से दो ट्वीट भी किये है।