उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के देवनंदिनी अस्पताल से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जिसको पढ़ने के बाद डॉक्टरों के प्रति देशवासियों का सम्मान और बढ़ जाएगा। देवनंदिनी अस्पताल के डॉक्टर हरिओम सिंह को जब पता चला कि उनके अस्पताल में एक मरीज ऐसा आया है जिसकी हालत बहुत नाजुक है तो उन्होंने होली के दिन रंगों को छोड़कर अपना धर्म अपनाना जरूरी समझा। अपने घर पर होली और गुलाल छोड़कर वह अस्पताल पहुंचे। उन्होंने देखा कि एक करीब 20 साल की लड़की की हालत बहुत नाजुक है और उसके मुंह से झाग निकल रहे हैं।
मरीज की हालत बहुत नाजुक थी और ऐसा लग रहा था कि उसे बचाना मुश्किल होगा। लेकिन डॉ हरिओम ने फैसला किया कि वह इस लड़की का उपचार करेंगे। डॉ हरिओम पूरे दिन मरीज की जान बचाने में लगे रहे। यह कोई करिश्मे से कम नहीं है कि डॉ हरिओम की मेहनत रंग लाई और वह लड़की जिसकी हालत बहुत ज्यादा नाजुक थी 24 घंटे के अंदर ही उसकी हालत सुधरने लगी। अब लड़की की हालत काफी सही है और उसे छुट्टी दे दी गई है।
लड़की के घरवालों के लिए मसीहा बनकर आने वाले वाले डॉक्टर हरिओम ने कहा कि मरीज की जान बचाने के लिए हर तरह का प्रयास करना मेरा धर्म है और मैं सिर्फ अपना धर्म निभा रहा था। जब मुझे पता चला कि एक लड़की अस्पताल में आई है जिसकी हालत बहुत नाजुक है तो मैं होली छोड़कर अस्पताल चला आया। लड़की की जान बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है। डॉक्टर के काम की अब हर तरफ तारीफ हो रही है। लड़की के परिजन और अस्पताल में मौजूद अन्य लोग जमकर डॉ हरिओम की जमकर तारीफ कर रहे हैं।