देश के मुस्लिमो के दिल पर भी राज़ कर सकते है मोदी – नज़रिया

फरमान अब्बासी लेखक
जब कोई इंसान किसी लालच और मस्का लगाने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति की हिमायत का ढोंग करता है, या उसकी परवाह की बात करता है तो साफ उसकी नीयत झलक जाती है, लेकिन जब कोई व्यक्ति बिना लालच किसी की हिमायत की बात करे उसके बीते पलो की चिंता करे तो वो यकीनन दिल जीतने का काम करता है। मैं प्रधानमंत्री मोदी की जीत के बाद दिए भाषण में मुस्लिमो की चिंता की बात कर रहा हूँ। मेरे द्वारा लिखी जा रही मोदी की तारीफ पढ़कर आज बहुत लोग मुझ पर सवाल खड़ा करेंगे और मुझे गालियां भी देंगे मगर सच लिखते हुए मैं कभी अंजाम की परवाह नही करता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि मुस्लिमो को हर पार्टी ने सिर्फ डराकर, उनमें भय पैदा कर उनकी वोट ली है, मगर कभी उनकी शिक्षा या तरक्की के बारे में नही सोचा। पार्टी कोई भी हो सिर्फ मुस्लिमो का इस्तेमाल किया है, उन्होंने अपने सांसदों से मुस्लिमो के साथ भेदभाव न करने का भी आग्रह किया। ये भाषण सुनकर मैं प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने से खुद को रोक न पाया। यकीनन पहली मर्तबा मैंने मोदी को ध्यान से सुना। इसलिए नही कि वो मुस्लिमो के हितों की बात कर रहे थे बल्कि इसलिए कि मुस्लिमो से कुछ लालच न होने के कारण भी वो उनकी बात कर रहे थे, उन्होंने एक बार भी मुस्लिमो की बात करते हुए ये नहीं सोचा कि कही उनके वोटर्स नाराज़ न हो जाये, और समाजवादी, बसपा, कांग्रेस का मुस्लिम वोट बैंक होकर भी उनकी बात नही करते, बल्कि सच तो ये है कि हार का जिम्मा भी उन्ही के सर थोपा जाता है, इसलिए मैं मुस्लिमो से अपील करता हूँ कि इन दलों की हकीकत जान लीजिए और सक्षम बनकर अपना भविष्य की तैयारी खुद कीजिये। मेरा मानना ये है कि नफरत को मुहब्बत से ही जीता जा सकता है। मुझे लगता है कि देश पिछले पांच सालों में भले ही न बदला हो मगर इन पांच सालों में तो भेदभाव का जनाज़ा निकल ही जायेगा।

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