60 सालों में जो कांग्रेस ने नही किया, 5 सालों में मोदी ने ऐसा कर दिया! – लेखक फ़रमान अब्बासी

ऐसा कहना गलत होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ नही किया, बल्कि सच तो ये है कि इतना कुछ कर दिया, जितना 60 सालों में कांग्रेस सोच भी नही पाई होगी। देश मे हिन्दू मुस्लिम के बीच भेदभाव पैदा कर दिया। देश के पढ़े लिखे बेरोज़गार नौजवानों को पकौड़ा जैसा कारोबार का मशवरा दे दिया। बिना मतलब नोटबन्दी कर गरीबो, मज़लूमो को बैंकों की कतारों में मरने पर मजबूर कर दिया। सिलेंडर साढ़े नौ सौ कर दिया, और पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत से जनता को बेहाल कर दिया। क्या कुछ नही किया लालकिला, रेलवे स्टेशन बेच दिया। इतना सब कुछ होने के बावजूद कन्हैया कुमार और रवीश कुमार के अलावा देश के गिनती के चुनिंदा लोग मोदी की आलोचना करना बंद नही करते। जबकि देश का बड़ा हिस्सा चुप है। विपक्ष आम मुद्दों पर तो बोलता दिखाई देता है मग़र खास मुद्दों को नज़रंदाज़ कर देता है, गौरक्षक के भेस में तो कही भीड़ के रूप में मुस्लिमो व दलितों पर लगातार हमले किये गए, मगर विपक्ष चुप रहा, पिछली मर्तबा मैंने अपने आर्टिकल में प्रधानमंत्री से सवाल करते हुए योगी आदित्यनाथ के एक बेतुके बयान पर सफाई मांग ली, तो बाहरी जिले से किसी कथित पत्रकार का फोन आया, बोले आप मोदी जी और योगी जी को बदनाम कर रहे हो जब खुद को पत्रकार कहने वाले व्यक्ति की विचारधारा ऐसी हो तो आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि देश किस तरफ जा रहा है।

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भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा आतंकी हमले और सीमा पर घुसपैठ के मामले सामने आए, इन पांच सालों में हमारे देश के जवानो ने सबसे ज्यादा कुर्बानियां दी, मगर किसी ने एक के बदले 10 सर लाने का दावा करने वाले चौकीदार से कोई सवाल नही किया। आधार कार्ड, जीएसटी का विपक्ष में रहकर सबसे ज्यादा विरोध करने वाले नरेंद्र मोदी सत्ता पाकर आधार कार्ड को अनिवार्य करने व जीएसटी लागू करने पर क्यो मजबूर हुए, इस सरकार की निष्पक्ष जांच हो तो राफेल विमान और नोटबन्दी आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला निकल कर सामने आएगा। विदेशो में यात्रा कर देश की जनता का पैसा बर्बाद करने वाले प्रधानमंत्री काला धन वापस लाकर हर देशवासी के खाते में 15-15 लाख डालना भी भूल गए, उन्हें याद रहा तो सिर्फ कब्रिस्तान, श्मशान, राम मंदिर, मस्जिद, तीन तलाक, हिन्दू-मुस्लिम बस इन्ही मुद्दों में उलझा कर लोगो को असल मुद्दों से भटकाये रखा, मोदी जी किसी वायदे पर खरे भले ही न उतरे हो मग़र एक वायदा सौ फीसदी निभाया। कहा था कि बदलाव लाएंगे, ऐसा बदलाव लाये कि देश मे त्राहि त्राहि का आलम है, लेकिन हैरत की बात ये है कि ऐसा लिखने या बोलने वाले व्यक्ति को कुछ ज्ञानी लोग राष्ट्रद्रोही से कम नही समझते। अब चुनावी वक्त है, बदलाव की आवश्यकता है। देश को सही दिशा में ले जाना आपकी जिम्मेदारी है। मैं ये कतई नही कहता कि बीजेपी को वोट नही करनी चाहिए, या गठबन्धन, कांग्रेस को करनी चाहिए, मैं तो सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ वोट उस कंडीडेट को की जानी चाहिए जो जिस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा हो उसकी फिक्र करता हो। वहां के लोगो के बीच रहकर उनके सुख दुख को समझता हो। वादों के लुभाव में आकर वोट करना गलत है, क्योकि नेता जीत के लिए ऐसे वायदे भी कर देते है जो उनके लिए पूरा करना नामुमकिन होता है। मैं कहता हूँ वायदे नही सिर्फ सकून चाहिए। प्यार, सद्भाव, आपसी भाईचारा चाहिए। ऐसे लोगो का बहिष्कार करना ही ज़िन्दगी का मकसद बन जाये जो नफरत फैलाकर, तोड़कर राजनीति के शिखर पर पहुंचना चाहता हो। नेता सिर्फ जनता के दिलो में हिन्दू मुस्लिम का जहर घोलते है। उसमे खुद कभी नही पिस्ते। वो राजनीतिक फायदे के लिए चिंगारी तो भलीभांति लगाते है, मग़र आग भड़कने के बाद तमाशा देखते है। लोगो में फूट पैदा कर अपने मंसूबो में कामयाब हो जाते है। अंग्रेज़ो ने भी फूट डालकर राज़ किया था, इसी नीति पर चलकर देश के नेता भी राज़ करना चाहते है। जिसका विरोध होना ही देश हित मे है।

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