अप्रैल महीने की पहली तारीख को ऑनलाइन शॉपिंग करने पर 80 प्रतिशत तक छूट मिल रही है… एक मूवी टिकट खरीदने पर दो मूवी के टिकट मुफ्त मिलेंगे… मेरा एक्सीडेंट हो गया है, मुझे अस्पताल ले चल यार… ना जाने और कैसे कैसे संदेस हम एक दूसरे को पहली अप्रैल यानी कि अप्रैल फूल के दिन भेजते है। एक-दूसरे को कुछ इस तरह फूल (मूर्ख) बनाने की तरकीब हो सकती है मगर अप्रैल फूल मनाने का खासतौर से युवा इंतजार करते हैं। अपनों को बेवकूफ बनाने के लिए ढेर सारी तैयारियां करते हैं और सामने वाली की कमजोरी देखकर उसके साथ उसी तरह का मजाक किया जाता है। दूसरों को उल्लू बनाने के लिए युवा अब सोशल साइटों का जमकर प्रयोग करते हैं और इस सिलसिले में कुछ लोग दूसरों को परेशान करते हैं तो कोई कुछ दिलों को छू लेने वाला अप्रैल फूल मनाते, कुल मिलाकर बात करें तो आज हंसने-हंसाने का दिन है। सावधान रहें।
ऐसे में जब माहौल चुनावी हो तो अप्रैल फूल में फैलने वाली अफवाओं से भी बचें!
मित्रों मजाक जरूर करें पर संभलकर करें
कई बार मजाक लोगों के दिल पर लग जाता है और कई बार कई लोगों के जान पर बन आती है। मनो चिकित्सक डॉ. अभिषेक चौहान ने कहा कि मजाक को दिल पर लेने से इनसान एक्यूट स्ट्रेस में जा सकता है। किसी करीबी को नुकसान पहुंचने की सूचना से शरीर में कई हारमोन में बदलाव आ जाते हैं और इससे बेचैनी, चेहरे पर पसीना आने, चक्कर या बेहोश छाने और धड़कन बढ़ जाने जैसे लक्षण आ सकते हैं यहाँ तक हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है इसलिए इंडिया प्लस न्यूज़ की आपको सलाह है कि सामान्य मजाक करना चाहिए।
क्यों मनाते है पहली अप्रेल
पहली अप्रैल और मूर्खता के बीच सबसे पहला दर्ज किया गया संबंध चॉसर के कैंटरबरी टेल्स (1392) में पाया जाता है और कई लेखक यह बताते हैं कि 16वीं सदी में एक जनवरी को न्यू ईयर्स डे के रूप में मनाए जाने का चलन एक छुट्टी का दिन निकालने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन यह सिद्धांत पुराने संदर्भों का उल्लेख नहीं करता है!