

मुज़फ्फरनगर। भीम आर्मी चीफ को दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट ने जमानत दें दी है.शुक्रवार को चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण जामा मस्जिद पर धरना में शामिल हुए. जहाँ पर उन्होंने ने जुमे के नमाज़ के बाद संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सुनाई. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने चंद्रशेखर को नज़रबंद कर लिया.
रविवार को चंद्रशेखर आज़ाद मुज़फ्फरनगर हिंसा में नूरा मृतक पीड़ित परिवार और मौलाना असद से मिलने पहुंचे.इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि” पीड़िता को हर सम्भव मदद करेंगे. मुज़फ्फरनगर एसएसपी और मेरठ के एसएसपी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. हमें यकीन हैं कि हमें कोर्ट से न्याय मिलेगा. इस मामले में हाई कोर्ट ने 23 जनवरी को जवाब मांगा है.
CAA कानून 2019 को धर्म के आधार लाया गया. पहले NRC होगा फिर उसके बाद देश में सीसीए कानून लागू होगा. उन्होंने ने आरएसएस संग़ठन पर हमला बोलतें हुए है कि” क्या आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सरकार चला रहे है, न तो वे लोग संविधान को मानते हैं”
15 दिसम्बर 2019 को चंद्रशेखर आज़ाद को जामा मस्जिद पर CAA कानून और NRC के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए थे. पुलिस ने उनको हिरासत में लेकर जेल की सलाखों की पीछे डाल दिया था.दिल्ली की कोर्ट ने चंद्रशेखर को सहशर्त जमानत देते हुए कहा था कि “चार हफ़्तों के लिए दिल्ली से बाहर रहेंगे.
जिले सहारनपुर में जाकर हर शनिवार को पुलिस स्टेशन में हाज़री लगानी होंगी. वहीं कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि” क्या जामा मस्जिद पाकिस्तान में है? अगर पाकिस्तान में होती वहां पर भी जाकर विरोध दर्ज करा सकते हैं. क्योंकि बंटवारे से पाकिस्तान भारत का ही हिस्सा था.
चंद्रशेखर आज़ाद बोलें “न तो RSS संविधान को मानती है.. श्री श्री PM मोदी बोल गए!