

नई दिल्ली। रविवार को जेएनयू यूनिवर्सिटी में लेफ्टविंग छात्र- छात्राओं घातक हमला करने का मामला सामने आया हैं. लेफ्ट विंग के छात्रों ने एबीवीपी विंग पर हमला करने का आरोप लगाया हैं. घटना में घायल हुए प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तीन घन्टें तक नकाबपोश लगभग 100 लोगों ने कैंपस में उत्पाद मचाया. सभी उपद्रवियों ने हथौड़ा और लाठी से छात्रों पर किया वार.


इस हिंसा में 26 स्टूडेंट्स के साथ टीचर भी घायल हो गए. जिसके बाद पुलिस- प्रशासन ने आनन- फानन में घायलों को उपचार के लिए एम्स और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं का एम्स में जमावड़ा लग गया. इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी घायल छात्रों से मिलने पहुचीं.
इस दौरान एबीवीपी और लेफ्ट छात्रों के बीच धक्का- मुक्की हो गयी. दिल्ली पुलिस की खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.इसके साथ ही तमाम विपक्ष नेताओं की अगुवाई में दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर का घेराव कर लिया.
वहीं, देर रात गृह मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर को जांच के आदेश दें दिए हैं. आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. इसी के साथ ही गृह मंत्री ने संयुक्त कमिश्नर को जल्द से जल्द मामले की रिपार्ट की जमा करने को कहा हैं।
छात्रों के साथ मारपीट होने के बाद देश भर के अलीगढ़, मुम्बई ,जवदावपुर यूनिवर्सिटी में जेएनयू को लेकर शन्ति पूर्वक विरोध- प्रदर्शन शुरू हो गए. वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कैंपस में घायल छात्र के साथ 1 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है.एबीवीपी के छात्रों ने कहा कि मीडिया से भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने की अपील की. जेएनयू में आत्मघातक हमला का सच जानने के लिए कहा है.