उत्तर प्रदेश। कानुपर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर पर पुलिस द्वारा आरोपी दबोच ने के लिए जाल बिछाया गया.दरअसल, पुलिस साल 2001 में दर्जा राज्यमंत्री संतोष शुक्ला के हत्याकांड में आरोपी को पकड़ने के लिए गई, लेकिन इस दौरान बदमाश विकास दुबे ने पुलिस की टीम पर अंधाधुध फायरिंग कर दी. इस क्रॉस फायरिंग में शिवराजपुर एसओ महेश यादव और सीओ देवेंद्र मिश्रा मौके पर 8 पुलिसकर्मियो की मौत हो गई. साथ ही इस घटना में चार अन्य पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे है. उन्हें अस्पलताल में भर्ती कराय गया है. सूचना पर मिलने पर पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया. बाद में एसएसपी , तीन एसपी और एक दर्जन से ज्यादा थानों की भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गई.
घायल बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि- देर रात को चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के घर पर पुलिस टीम दबिश दी थी। बिठूर और चौबेपुर पुलिस ने छापेमारी करके विकास के घर को चारों तरफ से घेराबंदी कर ली गई थी.पुलिस ने दरवाजा तोड़कर बदमाशों को पकड़ने का कोशिश कर ही रही थी कि- विकास के साथ मौके पर मौजूद 8-10 बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिसकर्मी जब तक कुछ समझ पाते गोली मेरी जांघ और हाथ पर लग गई। इसके बाद अपराधी मौके से भागने में कामयाब हो गए।वहीं दूसरी ओर कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक जय नारायन सिंह ने 8 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि चार और पुलिसकर्मियों की हालत नाजुक है।
चार सिपाहियों की हालत बेहत गंभीर
बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और रीजेंसी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती हैं। इसमें दो सिपाहियों के पेट में गोली लगी हैं। डॉक्टरों की टीम गंभीर रूप से घायल सिपाहियों की जान बचाने के लिए जद्दोजहद करती रही।
पुलिस कुछ समझ ही नहीं पाई
घायल पुलिसकर्मियों ने बताया कि- दबिश के दौरान अपराधियों ने इस तरह से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी कि जैसे पहले से ही उन्हें भनक लग गई थी। लेकिन बिठूर और चौबेपुर पुलिस की घेराबंदी होने के चलते समझ ही नहीं सके। खुद को फंसता देख बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस जब तक कुछ समझ पाती या मोर्चा संभालती सात लोगों के गोली लगने से बैकफुट पर आ गई। इसके बाद बदमाश मौके से भाग निकले।
कौन है विकास दुबे
25 हजार का इनामी विकास दुबे पूर्व प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। इसके खिलाफ करीब 53 हत्या के प्रयास के मुकदमे चल रहे हैं।