उत्तर प्रदेश: ज़िला भदोही और यहां का गांव जहांगीराबाद, यहां गंगा में इस वक्त 5 बच्चों को खोजा जा रहा है क्योंकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन 5 बच्चों को उनकी मां ने शनिवार (11 अप्रैल) की रात गंगा नदी में फेंक दिया था.
5 बच्चों में तीन लड़की और दो लड़के थे जिनमे सबसे छोटा बच्चा केशव मात्र तीन वर्ष का था, वहीं स्थानीय पुलिस का कहना है कि, 11 अप्रेल की रात मंजू अपने बच्चों को लेकर घाट पर पहुंची थी और उन्हें नदी में धक्का दे दिया था. बच्चों के चीखने की आवाज़ कुछ दूरी पर मौजूद मछुआरों को सुनाई दी, लेकिन उन्हें यह लगा कि कोई जादू-टोना कर रहा है, बच्चों को नदी में फेंकने के बाद मंजू घाट पर ही बैठी रही, और अगली सुबह उसने गांववालों को घटना की जानकारी दी.
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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये बात भी सामने आ रही है कि, मंजू के बच्चों को लॉकडाउन की वजह से पेट भरने के लिए खाना नहीं मिल रहा था, क्योंकि वो रोजाना का दिहाड़ी मज़दूर है और रोज की मजदूरी से घर में बच्चों को खाना खिलाकर गुज़र करता है और लॉकडाउन में काम नहीं हो रहा, तो पैसे की किल्लत चल रही थी. जिसके कारण खाना ना मिलने से बच्चों को गंगा में डुबाया गया, जबकि भदोही पुलिस ने ये साफ किया है कि बच्चों को भुखमरी के कारण गंगा में नहीं डुबाया है! बल्कि मंजू देवी अपने पति के विवाद एवं मानसिक तनाव के कारण अपने 5 बच्चों को गंगा में डुबाया है।
वहीं दूसरी ओर समाचार एजेंसी, PTI की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों के माता-पिता के बीच करीब पिछले एक साल से झगड़ा चल रहा था. और स्थानीय पुलिस का कहना है कि, शनिवार को भी उस औरत(बच्चों की माँ) की उसके पति के साथ कहा-सुनी हुई थी इस बारे में सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) राम बदन सिंह ने जानकारी दी,
वहीं मंजू देवी ने जो बताया उसको भी भदोही पुलिस ने ट्वीट किया!
“मंजू यादव और उसके पति मृदुल यादव के बीच करीब एक साल से झगड़ा चल रहा था. इसलिए उसने अपने बच्चों को नदी में फेंककर मारने को सोचा.”
पुलिस का कहना है कि इस वक्त उसकी पहली प्राथमिकता बच्चों को खोजने की है.