बाराबंकी: एक तरफ जहां दुनिया भर में लोग कोरोना संकट की चपेट में जान गवां रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के बारांबकी से एक अच्छी खबर आई। बाराबंकी में बुधवार की सुबह एक माँ ने एक साथ पांच बच्चों को जन्म दिया सोशल मीडिया पर यह खरब तेजी से वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर यूज़र्स यह लिखकर तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं कि आँगन में एक साथ गूंजी पांच बच्चों की किलकारी। आपको बता दें इनमें एक का जन्म घर पर हुआ तो वहीं चार का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में सामान्य प्रसव (Normal delivery) तरीके से हुआ। महिला और बच्चों को जिला अस्पताल (सरकारी) में भर्ती कराया गया है। महिला व चार बच्चों की हालत सामान्य बताई जा रही है तो वहीं, एक बच्चे को श्वास लेने में कुछ दिक्कत बताई गई है जिसके चलते इस बच्चे को आक्सीजन लगाया गया है। आपको बता दें इस महिला का पांच वर्ष में यह दूसरा प्रसव है।


नॉर्मल डिलीवरी से एक साथ गूंजी 5 बच्चों की किलकारी
यह मामला बाराबंकी जिले के सूरतगंज क्षेत्र का है। यहां के कुतलूपुर निवासी कुंदन की पत्नी अनिता नौ माह की गर्भावस्था को पूरा कर प्रसव पीड़ा के दौर में थी। आपको बता दें बुधवार की सुबह महिला ने घर पर ही सामान्य एक बच्चे का जन्म दिया तो आननफानन में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले जाया गया और यहां उसने चार और बच्चों को जन्म दिया जिसके बाद महिला और बच्चों को जिले के सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। आपको बता दें इन 5 में से दो लड़के और तीन लड़की है। इन बच्चों के स्वास्थ्य की बात करें तो इनमें से दो के वजन 1 किलो सौ ग्राम है तो वहीं दो का 900 ग्राम है। जबकि एक का 800 ग्राम है। 28 सप्ताह में महिला ने इन बच्चों को जन्म दिया है। वहीं, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आइबी तिवारी ने बताया कि नव जन्में बच्चों का वजन सामान्य बच्चों से काफी कम है जिसके चलते इनको चिकित्सीय देखरेख में (मशीन में) रखा गया है। और एक बच्चे को श्वास की दिक्कत के चलते ऑक्सीजन दिया गया है। साथ बच्चों की मां स्वस्थ है।
मल्टीपल बेवी आया था अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में
CHC प्रभारी डॉ राजर्षि त्रिपाठी ने बताया कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में मल्टीपल बेबी लिखा था साथ ही इस रिपोर्ट में पांच बच्चे होने का कोई जिक्र नहीं था। स्टाप नर्स केशव चौबे व रिना राव ने सफल प्रसव (success delivery) करया है। डॉ ने बताया कि सभी बच्चे अलग-अलग लेयर में थे और बच्चेदानी में उनकी नाल अलग-अलग जगह जुड़ी थीं। जिससे उन्हें पोषक तत्व अलग अलग मिल रहे थे।